TNF News

सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय जीएसटी आयुक्त से मुलाकात की।

Published

on

जमशेदपुर : सिंहभूम चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक प्रतिनिधिमंडल ने महासचिव श्री मानव केडिया के नेतृत्व में श्री राजीव अग्रवाल, उपाध्यक्ष, और श्री अंशुल रिंगासिया, सचिव के साथ जमशेदपुर के केंद्रीय जीएसटी आयुक्त श्री बिनोद कुमार गुप्ता (IRS) से मुलाकात की और 22.06.2024 को आयोजित 53वीं जीएसटी काउंसिल बैठक से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।आयुक्त श्री बिनोद कुमार गुप्ता ने हमें आश्वासन दिया कि जीएसटी अधिनियम की धारा 16(4) के तहत कोई प्रतिकूल आदेश तब तक पारित नहीं किया जाएगा जब तक कि आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं हो जाती।

बैठक में निम्नलिखित पैराग्राफवार मुद्दों पर चर्चा की गई:

1. पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत शामिल करना
पेट्रोल और डीजल को जीएसटी व्यवस्था के तहत शामिल करने का मुद्दा बहुत चर्चा का विषय रहा है। पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने के केंद्र सरकार के इरादे के बारे में आपके प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिए गए बयान ने हमें बहुत प्रेरित किया। इन ईंधनों पर करों का एकीकरण एक सरल कर संरचना की ओर ले जाएगा, करों के द्विगुणित प्रभाव को कम करेगा, और उपभोक्ताओं के लिए कीमतों को कम कर सकता है।
हमारी विनम्र अनुरोध।

यह भी पढ़े :जगन्नाथपुर प्रभारी चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति रद्द करने को लेकर सीएस को ज्ञापन।

• हम केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि राज्य सरकारों के साथ सहयोगात्मक चर्चाओं में शामिल हों ताकि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर सहमति प्राप्त हो सके। यह कदम न केवल कर संरचना को सरल करेगा बल्कि राज्यों में आर्थिक दक्षता और समानता को भी प्रोत्साहित करेगा।

2. कर नोटिसों के लिए ब्याज और दंड में छूट
वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19, और 2019-20 के लिए धारा 73 के तहत जारी मांग नोटिसों के लिए, यदि पूरा कर 31.03.2025 तक भुगतान किया जाता है, तो ब्याज और दंड को माफ करने की जीएसटी काउंसिल की सिफारिश करदाताओं के लिए एक महत्वपूर्ण राहत उपाय है।
हमारी विनम्र अनुरोध:

• धारा 74 के तहत शुरू की गई कार्यवाहियों के लिए भी ब्याज और दंड की छूट का विस्तार करें। ऐसे कई मामले हैं जहाँ आपूर्ति करने वालों के अस्तित्व न होने के कारण इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) को अस्वीकार कर दिया गया था, जिसके कारण धारा 74 के तहत कार्यवाही की गई। ऐसे मामलों में छूट का विस्तार करना सच्चे करदाताओं के लिए बड़ी राहत प्रदान करेगा।

• वित्त विभाग द्वारा संबंधित अधिसूचना जारी होने तक धारा 73 के तहत सभी लंबित कार्यवाहियों को रोकें। इसमें वे मामले शामिल हैं जहाँ एएसएमटी-10, डीआरसी-01ए, या डीआरसी-01 नोटिस जारी किए गए हैं लेकिन डीआरसी-07 में अंतिम मांग अभी जारी नहीं की गई है।

• ऐसे परिदृश्यों में ब्याज और दंड की छूट का लाभ प्रदान करें ताकि करदाताओं को अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा करते समय अनुचित रूप से दंडित न किया जाए।

3. इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी)

धारा 16(4) के तहत किसी चालान या डेबिट नोट पर आईटीसी का लाभ उठाने की समय सीमा को वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20, और 2020-21 के लिए 30.11.2021 तक बढ़ाने के साथ-साथ धारा 16(4) का प्रभावी संशोधन 01.07.2017 से करना एक स्वागत योग्य निर्णय है।
हमारी विनम्र अनुरोध।

यह भी पढ़े :पश्चिमी सिंहभूम समाहरणालय संवर्ग के कर्मियों ने नौ सूत्री मांग को लेकर किया कलम बन्द हड़ताल।

• वित्त विभाग द्वारा आवश्यक अधिसूचना जारी होने तक धारा 16(4) के तहत आईटीसी अस्वीकार से संबंधित सभी लंबित कार्यवाहियों को निलंबित करें। इससे उन करदाताओं को अनुचित कठिनाई से बचाया जा सकेगा जो अपने दावों की स्पष्टता और अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version