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“सरकारी लेखांकन का सरलीकरण” पुस्तक सरकारी कार्यप्रणाली की समझ का सरल माध्यम: नागेंद्र पाठक

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The book “Simplification of Government Accounting” is a simple medium to understand the functioning of the government: Nagendra Pathak

आदित्यपुर। लेखा क्षेत्र में चार दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले रिटायर्ड वरिष्ठ अधिकारी श्री नागेंद्र पाठक द्वारा रचित पुस्तक “सरकारी लेखांकन का सरलीकरण” न केवल एक पुस्तक है, बल्कि यह सरकारी तंत्र की जटिल लेखा प्रणाली को सहज रूप में समझाने का अनूठा प्रयास है।

लेखक श्री पाठक ने पुस्तक की विशेषता बताते हुए कहा कि सरकारी लेखांकन का सरलीकरण (Simplification of Government Accounting) ऐसा विषय है जो केंद्र सरकार, राज्य सरकारों एवं स्थानीय निकायों के कार्यों के निष्पादन में सीधा सहयोग करता है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि सभी सरकारी विभागों एवं कार्यालयों में यह पुस्तक उपलब्ध होनी चाहिए, जिससे दैनिक कार्यों के लेखाजोखा और अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाएं सहजता से पूरी की जा सकें।

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श्री पाठक ने बताया कि यह पुस्तक इसलिए अभूतपूर्व एवं अद्वितीय है क्योंकि इसमें सरकारी बजट से संबंधित सभी लेन-देन (Transactions) को विभिन्न सेक्टरों, मुख्य शीर्षों और लघु शीर्षों के अंतर्गत विस्तारपूर्वक समझाया गया है। अब तक इन शीर्षों की समेकित और सरल परिभाषा कहीं उपलब्ध नहीं थी, लेकिन इस पुस्तक में उसे एक साथ प्रस्तुत किया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकारी लेखांकन मुख्यतः बजट आधारित होता है, जिसमें अर्थशास्त्र, लोक प्रशासन और भारतीय संविधान जैसे विषयों की गहरी समझ आवश्यक होती है। यह पुस्तक अद्यतन अभिलेखों के आधार पर तैयार की गई है, जिसमें विशेष रूप से कोषागार नियमों, लोक निर्माण विभाग की लेखा प्रणाली और विभागीय परीक्षा उपयोगी पाठ्यक्रम को शामिल किया गया है।

पुस्तक को UPSC, राज्य लोक सेवा आयोग एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए भी अत्यंत उपयोगी बताया गया। श्री पाठक ने सुझाव दिया कि यदि इस पुस्तक को सिलेबस में शामिल किया जाए तो परीक्षार्थियों को सरकारी सेवा में आने के बाद वास्तविक कार्यों के निष्पादन में काफी सुविधा मिलेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि यह पुस्तक केंद्र और राज्य सरकार के प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण सामग्री के रूप में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त कर सकती है। इससे नव नियुक्त अधिकारी और कर्मचारी अपने दायित्वों को और अधिक दक्षता से निभा सकेंगे।

पुस्तक का सार यही है कि यह विद्यार्थियों, परीक्षार्थियों, सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और आम नागरिकों के लिए एक अत्यंत आवश्यक दस्तावेज है, जिससे सरकार का आय-व्यय और बजट संबंधी प्रक्रियाएं अब सरल भाषा में समझी जा सकती हैं।

श्री नागेंद्र पाठक का यह प्रयास निश्चित रूप से सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता की दिशा में एक सराहनीय कदम माना जा रहा है।

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