जमशेदपुर, 18 मार्च 2024: एनआईटी जमशेदपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के शोधकर्ता डॉ. सौविक सिंह राठौड़ ने हवाई जहाज के जेट इंजन में उपयोग के लिए एक उन्नत कंपोजिट विकसित किया है। यह कंपोजिट स्टील को पिघलाने वाले तापमान को झेलने में सक्षम है, जो इसे पारंपरिक जेट इंजन मिश्र धातु घटकों के लिए एक आदर्श प्रतिस्थापन बनाता है।
डॉ. राठौड़ ने अपनी पीएच.डी. के लिए इस शोध पर काम किया, जिसका संचालन जाधवपुर विश्वविद्यालय के प्रो. गौतम पोहित ने किया। उनकी पीएच.डी. रक्षा में, सिरेमिक और धातु के मिश्रण से बने इस उच्च तापमान वाले मिश्रण के क्षेत्र में उनके अनुसंधान की अत्यधिक सराहना की गई।
यह तकनीक 2030 तक पारंपरिक जेट इंजन मिश्र धातु घटकों की जगह लेने की उम्मीद है। इससे हवाई जहाज के ईंधन की भारी बचत होगी और उड़ान टिकट की लागत कम हो जाएगी। यह भारत सरकार की उड़ान योजना की परिकल्पना के अनुरूप है, जो उड़ान को आम आदमी की पहुंच के भीतर बनाना चाहती है।
डॉ. राठौड़ के इस शोध की देखरेख मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के एचओडी डॉ. विशेष रंजन कर और प्रोफेसर संजय ने की। इस शोध के फलस्वरूप अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चार से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं।
एनआईटी जमशेदपुर के निदेशक ने भी डॉ. सौविक एस राठौड़ को बधाई दी, जो जुगसलाई जमशेदपुर के स्थानीय निवासी हैं।
यह शोध भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि यह हवाई जहाज के निर्माण के क्षेत्र में देश की आत्मनिर्भरता को बढ़ाएगा।
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