झारखंड
✈️ जमशेदपुर में एयर स्ट्राइक से निपटने को लेकर मॉक ड्रिल (Mock drill), उपायुक्त ने किया नेतृत्व
🛡️ Mock drill: सभी विभागों के तालमेल और नागरिक सहयोग से आपदा नियंत्रण संभव : उपायुक्त अनन्य मित्तल
जमशेदपुर, 07 मई 2025 | संवाददाता विशेष
मुख्य सचिव, झारखंड सरकार के निर्देशानुसार जमशेदपुर स्थित सीएच एरिया में आज संध्या 4 बजे से 7 बजे तक एयर स्ट्राइक की स्थिति में राहत एवं बचाव कार्य के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।
इस अभ्यास का नेतृत्व उपायुक्त सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन समिति श्री अनन्य मित्तल ने स्वयं किया।
🔍 तीन घंटे चला रियल टाइम मूल्यांकन अभ्यास
इस मॉक ड्रिल (Mock drill) के माध्यम से यह परखा गया कि एयर स्ट्राइक जैसी आपातकालीन स्थिति में
- प्रशासनिक तैयारी कैसी है,
- संचार एवं समन्वय कितना प्रभावी है,
- और विभिन्न विभागों का रिस्पॉन्स टाइम कितना व्यावहारिक है।
ड्रिल के दौरान सामान्य प्रशासन, पुलिस, सिविल डिफेंस, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य सेवा, नगर निकाय और नागरिक समाज की भूमिकाओं का रियल टाइम मूल्यांकन किया गया।
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🕐 घड़ी के साथ घटित हुआ मॉक इवेंट का क्रम
- 4:00 PM: एयर रेड सायरन बजते ही ब्लैकआउट की घोषणा।
- 4:05 PM: एसडीएम धालभूम, सिटी एसपी समेत अधिकारी कंट्रोल रूम पहुंचे।
- 4:20 PM: कम्यूनिकेशन ड्रिल आरंभ, सभी एजेंसियों को अलर्ट किया गया।
- 5:00 PM: “महारानी मेंशन” पर एयर स्ट्राइक की सूचना।
- 5:10 PM: राहत-बचाव कार्य शुरू।
- घायल 3 लोगों को टीएमएच भेजा गया, अन्य निवासियों को निर्मल गेस्ट हाउस में सुरक्षित स्थानांतरित किया गया।
- 7:00 PM: पीस सायरन बजाकर बिजली बहाल।
- 7:10 PM: अधिकारियों ने डी-ब्रिफिंग में भाग लिया।
🎒 स्कूलों व औद्योगिक क्षेत्रों में भी चला जागरूकता अभियान
इसी के तहत पूर्वाह्न 11 बजे से स्कूलों, कारखानों, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन आदि स्थलों पर भी एहतियाती प्रशिक्षण और मॉक ड्रिल की गई, ताकि आमजन को ऐसी आपदा के दौरान क्या करना है—इसकी जानकारी मिल सके।
उपायुक्त का वक्तव्य
“आपदा की घड़ी में विभागीय तालमेल और नागरिक सहयोग सबसे बड़ा हथियार होता है। मॉक ड्रिल के ज़रिए कुछ कमियों की पहचान हुई है, जिसे जल्द दूर किया जाएगा।”
📌 महत्वपूर्ण तथ्य
- पहली बार एयर स्ट्राइक जैसे संवेदनशील विषय पर शहरी क्षेत्र में मॉक ड्रिल।
- ड्रिल के केंद्र में थी: समन्वय, तत्परता, और नागरिक सुरक्षा।
- सेना, नेवी, एयरफोर्स नहीं बल्कि सिविल प्रशासन की रियल टाइम तैयारी को परखा गया।
टीम पीआरडी, पूर्वी सिंहभूम द्वारा जारी इस मॉक ड्रिल की रिपोर्ट को प्रशासनिक सतर्कता, पारदर्शिता और जन-जागरूकता के दृष्टिकोण से अत्यंत उपयोगी माना जा रहा है।