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समाहरणालय संवर्ग कर्मियों का अपनी मांगो के समर्थन मे अनिश्चितकालीन हड़ताल।

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सरकार का हमारी मांगो के प्रति है उदासीन रवैवा – ललितेश्वर महतो

सरकार तक अपनी मांग पहुँचाने का हड़ताल हीं एकमात्र विकल्प – मनोज कुंटिया

राज्य संघ ने अपनी मांगो के प्रति सरकार से समन्वय स्थापित करने का सभी स्तर पर किया है प्रयास – अतुल कुमार

जबतक मांगे पूरी नहीं होंगी, हड़ताल रहेगा हड़ताल रहेगा – सुनील बड़ाईक

पुरे राज्य मे प्रखंड, अंचल, अनुमंडल सहित जिला मुख्यालय के कार्य होंगे ठप, आम जनमानस को करना होगा परेशानियों का सामना

रिपोटर : जय  कुमार 

चाईबासा : झारखण्ड राज्य अनुसचिवीय कर्मचारी संघ (समाहरणालय संवर्ग) के राज्य नेतृत्व के आह्वान पर नौ सूत्री मांगो को लेकर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। बताते चले की राज्य स्तरीय संघ के द्वारा 2 वर्षो से अपनी मांगो के प्रति सरकार को ध्यानाकर्षित करते रहे है। मुख्य सचिव, झारखण्ड सरकार से भी पत्र के माध्यम से अपनी जायज मांगो से अवगत करते रहे है। सरकार के स्तर से किसी तरह की 2 वर्षों तक कोई पहल नहीं होने के पश्चात् पुरे राज्य के समाहरणालय कर्मियों ने 14 जुलाई को राजभवन स्थित महाधरना का आयोजन करते हुए एकजुट हुए तथा सर्वसहमति से निर्णय लिया की यदि सरकार 21 जुलाई तक हमारी मांगो के प्रति सकरात्मक पहल नहीं करती है तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे।

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इस बिच कालाबिल्ला लगाकर कार्य करना, कलमबंद हड़ताल करना, कैंडल मार्च निकाल कर सरकार तक अपनी बात पहुँचाने का प्रयास किया गया। इस दौरान संघ के जिला अध्यक्ष ललितेश्वर महतो ने कहा की सरकार से हमें बहुत उम्मीद है परन्तु हमारी जायज मांग के प्रति उदासीन रवैय से हम सभी समाहरणालय कर्मी आहात है। जिला सचिव मनोज कुंटिया ने कहा की हमारी सभी मांगे जायज है परन्तु सरकार इस पर कोई विचार नहीं कर रही है जिससे विवशतापूर्ण होकर हमें हड़ताल हीं एकमात्र विकल्प दिखाई दे रहा है। जिला उपाध्यक्ष अतुल कुमार ने कहा की विगत 2 वर्षों तक राज्य संघ के प्रतिनिधियों द्वारा सरकार से अपनी मांगो को अवगत करने तथा उसे लागु करने का अनुरोध है स्तर पर किया गया।

 हड़ताल

सरकर संघ के प्रति समन्वय स्थापित करने को तैयार हीं नहीं है ऐसे मे मजबूरन हड़ताल हीं हम कर्मियों का एक मात्र विकल्प दिखाई दे रहा है। वहीं जिला कोषाध्यक्ष सुनील बड़ाईक ने कहा की सरकार हमारी मांगो पर जबतक सकारात्मक पहल नहीं करती है तब तक हड़ताल रहेगा। हमारी सभी मांग जायज है और हमारी लड़ाई पूरी तरह संवैधानिक है। हड़ताल के दौरान कार्यालय अधीक्षक रूप सिँह बानरा, नाथूलाल नाग, श्याम प्रसाद, छवि कर, हरि कृष्णा सिँह लागुरी, प्रधान लिपिक वील्सन डांहगा, ऋषि बोईपाई, दिलीप बिरुआ, कृष्णा चंद्र गागराई, माधव चंद्र हेमब्रोम, सुनील बड़ाइक, निरल केरकेट्टा, सदानंद रजक, अतुल कुमार, मोहन सिँह बानरा, सुशील प्रधान, कुंती पत्रों बेंजामीन बोईपाई लिपिकों मे देवाशीष डे, मयंक कुमार, रोब्बट वादुला, अरुण महाराणा, मनीषा कुमारी, ओम प्रकाश महतो, कुणाल कुंडू, रमेश गोप, मनीषा गोप, सुनीता सुंडी, स्मृति एक्का, तपन कुमार साहू, सबीना जोजो, आयशा रेयाज़, शुभम कुमार, तरुण कुमार, वसीमउद्दीन सहित प्रखंड, अंचल, अनुमंडल सहित जिला मुख्यालय के सभी शाखाओं के कर्मी उपस्थित शामिल थे।

क्या है नौ सूत्री मांग –

जिला सयुंक्त सचिव मयंक कुमार ने बताया की न्यूनतम नियुक्ति ग्रेड वेतन 2400 किया जायेगा, तथा अन्य प्रोन्नत पद के वेतनमानों मे संशोधन, निम्नवर्गीय लिपिक से लेकर कार्यालय अधीक्षक तक के पदनामों मे परिवर्तन, विभिन्न शाखाओं मे पद सृजन किया जाना, प्रोन्नति मे कालावधि 8 वर्ष के बजाय 4 वर्ष किया जाय, MACP 10 के जगह 8 वर्षों मे स्वीकृत किया जाय, अनुसेवियों को लिपिक मे बिना किसी विभागीय परीक्षा के वरीयता के आधार पर प्रोन्नति प्रदान की जाय, अनुबंध कर्मियों को स्थायी किया जाय, सविंदा कर्मियों को सीधे सरकार के स्तर से अनुबंध पर रखते हुए समय सीमा पूर्ण करने के उपरांत उन्हें नियमित किया जाना हमारी नौ सूत्री मांग मे शामिल है।

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सरकार को इसपर विचार करने की जरूरत है हेमंत सोरेन सरकार से हम कर्मियों को बेहद उम्मीद है पेंशन जैसे संजीवनी देकर उन्होंने हमें अनुग्रहित किया है।सरकारी कार्यालयों के कार्य होंगे प्रभावित – पुरे राज्य मे एक साथ समाहरणालय कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से आम जनमानस को काफ़ी कठनाइयों का सामना करना पड़ेगा। प्रखंड, अंचल, अनुमंडल सहित जिला मुख्यालय के कार्यालयों मे सम्पादित होने वाले कार्य पूरी तरह से ठप रहेंगे। ऐसे मे आय, आवसीय, ई डब्लू एस, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, दाखिल ख़ारिज, वृद्धा पेंशन, अबुआ आवास, मनरेगा योजना, विकास संबंधित कार्य सहित अनुमंडल एंव जिला मुख्यालय के विधि व्यवस्था समन्धित कार्य प्रभावित रहेंगे।

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