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सीईटीपी के प्रभावी एवं सुचारु संचालन तथा पानी के पुनः उपयोग के संबंध में जिला कलक्टर ली बैठक।

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राजस्थान : खैरथल-तिजारा, 4 जुलाई। गुरुवार को जिला कलक्टर डाॅ आर्तिका शुक्ला की अध्यक्षता में सीईटीपी के प्रभावी एवं सुचारु संचालन तथा पानी के पुनः उपयोग के संबंध में रीको सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीड़ा सलोनी खेमका, अतिरिक्त जिला कलेक्टर अश्विन के पंवार, क्षेत्रीय अधिकारी राजस्थान पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड अमित शर्मा, एसपीवी के मेंबर सहित औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधि एवं अधिकारीगण मौजूद रहे।

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बैठक के दौरान जिला कलक्टर शुक्ला ने सर्वप्रथम सभी औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधियों का औद्योगिक इकाइयों द्वारा प्रदूषित पानी को खुले में ना छोड़ने व भिवाड़ी जल भराव से निपटने के लिए किए गए सहयोग की सराहना की तथा इस मानसून में सहयोग करते हुए प्रदूषित पानी को प्राथमिक उपचार के उपरांत सीईटीपी भेजने की बात कही।

जिला कलक्टर ने प्रशासन द्वारा भिवाड़ी जल भराव से निपटने के लिए किया जा रहे कार्यों के बारे में बताया तथा आगामी समय में बनाए गए प्लान – ड्रेनेज डीपीआर, 34 एमएलडी सहित अन्य उपाय के तहत समस्या का स्थाई समाधान किया जाएगा ताकि भिवाड़ी को जल भराव की समस्या से न जूझना पड़े।

कलक्टर

जिला कलक्टर ने बैठक के दौरान सभी औद्योगिक इकाइयों से उनके सुझाव एवं आ रही परेशानियों के बारे पुछा जिस पर प्रतिनिधियों ने भिवाड़ी जल भराव से निपटने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए साथ ही कुछ औद्योगिक इकाईयों को औपचारिक पानी न मिलने की बात से अवगत कराया। जिस पर जिला कलक्टर ने एसपीवी एवं क्षेत्रीय अधिकारी राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल को उन इकाइयों को सुचारू रूप से उपचारित पानी देने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को सभी औद्योगिक इकाइयों से एमओयू कर सुचारू रूप से आवश्यकता अनुसार पानी उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया।

जिला कलक्टर ने सीईटीपी का संचालन कर रही है एसपीवी एवं त्रिवेणी द्वारा दिए जा रहे हैं उपचारित पानी का उपभोग करने वाली संस्थाओं से गुणवत्ता के बारे में पुछा, जिस पर प्रतिनिधियों ने बताया कि सीईटीपी द्वारा दिया जाने वाला उपचारित पानी पैरामीटर के अनुरूप आ रहा है जिस पर उन्होंने संचालन संस्था की सराहना की। उन्होंने एसपीवी सदस्यों को सीईटीपी प्लांट सुचारू एवं प्रभावी तरीके से चलाने के लिए निर्देशित किया।

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त्रिवेणी के इंजीनियर ने बताया कि औद्योगिक इकाई में लगे स्काडा को वर्षा के दौरान टीन शेड के माध्यम से ढका रखना चाहिए ताकि उसमें लगे सेंसर पानी के प्रभाव से खराब ना हो और सही रिजल्ट्स दे।

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