झारखंड
संविधान को चुनौती देने वाले बयानों और तुष्टिकरण की राजनीति के विरोध में भाजपा का एक दिवसीय जोरदार धरना प्रदर्शन
चाईबासा (जय कुमार) : झारखंड में राज्य सरकार के संरक्षण में संविधान को रौंदने की साजिश चल रही है। मंत्रीगण, जिनकी जिम्मेदारी संविधान की रक्षा करना है, वही अब खुलेआम मंचों से संविधान से ऊपर शरीयत को बताकर देश की जड़ों को खोदने का प्रयास कर रहे हैं।
मंत्री हफीजुल हसन का यह बयान – “मेरे लिए शरिया पहले है, संविधान बाद में” – न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह सीधे-सीधे देश की संप्रभुता और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला है।
पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:
“जो मंत्री शपथ लेकर संविधान की रक्षा की जिम्मेदारी लेते हैं, वे अब उसे पैरों तले रौंद रहे हैं। यह सीधा राष्ट्रद्रोह है। हेमंत सोरेन सरकार या तो संविधान के साथ खड़ी हो या इन कट्टरपंथियों का खुला समर्थन स्वीकार करे। दोहरा चरित्र अब नहीं चलेगा।”
सांसद गीता कोड़ा ने सरकार को चेताते हुए कहा:
“झारखंड और बंगाल में बहुसंख्यक समाज को योजनाबद्ध तरीके से अपमानित और प्रताड़ित किया जा रहा है। रामनवमी, होली जैसे त्योहारों पर पत्थरबाजी और हमले तुष्टिकरण की देन हैं। क्या बहुसंख्यकों के धार्मिक अधिकार अब सरकार की नजर में कोई मायने नहीं रखते? अगर सरकार को सत्ता प्यारी है, तो उसे हिंदुओं की आस्था का सम्मान करना सीखना होगा। वरना जन आक्रोश का सामना करने के लिए तैयार रहे।”
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अनूप सुल्तानिया: “समाज को बांटने की साजिश करने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा। भाजपा सड़क से संसद तक इस मानसिकता का विरोध करेगी।”
रामानुज शर्मा: “त्योहारों पर हमला, मंदिरों पर पत्थरबाजी – यह किसी सामान्य प्रशासनिक चूक का मामला नहीं, बल्कि योजनाबद्ध सांप्रदायिक आक्रमण है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
गीता बालमूचू: “सरकार की चुप्पी ही उसकी सच्ची मंशा उजागर कर रही है। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो जनता खुद निर्णय लेगी।”
जगदीश पाट पिंगुवा, मनोज लिंयागी, सतीश पूरी, हेमंत केसरी इत्यादि कई नेताओं ने भी अपने विचार रखें और मंत्री हफीजुल हसन को बर्खास्त करने की बात दोहराई
भाजपा जिला अध्यक्ष श्री संजय पांडे की अध्यक्षता में पुराने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष भारी संख्या में कार्यकर्ताओं ने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई, महामंत्री प्रताप कटियार सहित वरिष्ठ नेताओं ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन उपायुक्त पश्चिमी सिंहभूम को सौंपा, जिसमें मंत्री हफीजुल हसन की तत्काल बर्खास्तगी की मांग की गई।
प्रमुख रूप से उपस्थित नेता और कार्यकर्ता:
रंजन प्रसाद, मुकेश सिंह, रवि शंकर विश्वकर्मा, पवन शर्मा ,अनंत सयनम, रूपा दास, मृदुला निषाद, हेमंन्ती विश्वकर्मा, प्रसन्न बिरुवा, गुणांन देवगम, पप्पू महतो, अनिल दास, अक्षय खत्री, दिलीप साव, जूली खत्री, सन्नी पासवान, अनु विश्वकर्मा, जितेंद्र ओझा, तरुण सवैंया, जगदीश निषाद, हर्ष रवानी, नीरज पांडे, अशोक तुम्बिल, डमरू धार बारिक, अशोक पीलवा, सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता मौजूद रहे।