आदित्यपुर। रॉयल एनफील्ड पर सवार होकर हिमालयी अभियान पर निकलना केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि जीवन भर का अनुभव होता है। दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला के दुर्गम रास्तों पर रॉयल एनफील्ड की गूंजती आवाज़ ने साहिल सिंह की यात्रा को और रोमांचक बना दिया। बिष्टुपुर निवासी शैलेन्द्र कुमार सिंह के पुत्र साहिल के लिए यह यात्रा सिर्फ प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेना नहीं था, बल्कि यह एक आंतरिक आत्म-खोज की यात्रा भी थी।
हिमालय अपनी चुनौतियों के साथ धैर्य, साहस और लचीलेपन की परीक्षा लेता है, और बदले में अपार सुंदरता और शांति प्रदान करता है। साहिल के लिए रॉयल एनफील्ड सिर्फ एक बाइक नहीं, बल्कि 18 दिनों का एक विश्वसनीय साथी था, जिसने उसे हर मोड़ पर समर्थन दिया। इस यात्रा ने साहिल पर गहरी छाप छोड़ी, जिसमें उसने पहाड़ों के साथ अपनी अनूठी कनेक्शन और यात्रा की महत्ता को समझा।
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साहिल ने रॉयल एनफील्ड द्वारा नेशनल जियोग्राफी और यूनेस्को के सहयोग से आयोजित ‘ग्रेट हिमालयन एक्सप्लोरेशन’ के लिए क्वालीफाई किया है। इस अभियान का उद्देश्य लद्दाख की सांस्कृतिक जीवंतता और राजसी हिमालय की अद्वितीय सुंदरता को उजागर करना है। साहिल न केवल एक साहसिक यात्री हैं, बल्कि जमशेदपुर के प्रतिभाशाली टैटू कलाकार भी हैं। उनका यह अन्वेषण दिसंबर माह में जियोग्राफी चैनल पर प्रसारित होगा, जिसे लेकर साहिल और उनके प्रशंसक उत्साहित हैं।
साहिल की इस शानदार उपलब्धि पर टीम रोड मेल्टर्स ने उन्हें बधाई दी है। बधाई देने वालों में आनंद कुमार शर्मा, शैलेन्द्र कुमार सिंह, अरुण मेंदीरत्ता हंटर, अर्जुन मिश्रा, नीलाद्रि सिंह, मुन्ना महतो, कुमार मुकेश और चंदन चौबे प्रमुख रूप से शामिल हैं।