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भारत में होगा नोट बंद, चलेंगे डिजिटल करेंसी। नहीं चलेगा, कागज़ का नोट। RBI ने जारी किया डिजिटल करेंसी।

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Technology : बुधवार 02 नवंबर, 2022

पूरा विश्व तेजी से डिजिटल युग में प्रवेश कर चुका है। विश्व में अन्य देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए इस दौड़ में भारत भी पीछे नहीं है। भारत में तेजी से लोग पारम्परिक मुद्रा या कागज़ के नोट / सिक्कों को छोड़कर डिजिटल माध्यम से यानी UPI के द्वारा लेनदेन कर रहे हैं।

कुछ समय पहले तक, कुछ लोग डिजिटल करेंसी को काल्पनिक ही मान रहे थे, लेकिन वास्तविकता सबके सामने है। क्रिप्टो करेंसी के बाद अब डिजिटल करेंसी भी लोगों के बीच आ कर खड़ा हो चुका है। आप इस मेहमान को न चाहते हुए भी अपनाएं बगैर नहीं रह सकते। क्योंकि डिजिटल युग की आवश्यकता है- डिजिटल करेंसी।

आइये जानते हैं:- डिजिटल करेंसी क्या है और आने वाले भविष्य में इसके क्या लाभ हैं।

डिजिटल करेंसी मुद्रा का ही एक स्वरूप है जो मुख्य रूप से केवल डिजिटल अथवा इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध है। आप इसे  इलेक्ट्रॉनिक करेंसी, डिजिटल मनी या इलेक्ट्रॉनिक मनी या साइबर कैश भी कह सकते है।

डिजिटल करेंसी को मुख्यतः 3 प्रकार से बांटा जा सकता है-

1. सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC): सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी किसी देश के सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की जाती हैं। जैसे- भारत का सेंट्रल बैंक माना जाने वाला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने डिजिटल करेंसी या डिजिटल रुपया को जारी कर दिया है। इस करेंसी पर पूरी तरह से सरकार का नियंत्रण होता है। भारत में इसकी शुरुवात हो गई है।

2. क्रिप्टोकरेंसी:- विश्व में यह लगभग तेरह वर्ष पहले ही अस्तित्व में आ चुका है। पहली क्रिप्टोकरेंसि बिटकॉइन को माना जाता है। यह ब्लोकचेन पर आधारित डिजिटल करेंसी है जो नेटवर्क / इंटरनेट में लेनदेन को सुरक्षित बनाये रखता है और यह क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता है। इसे आभासी मुद्रा का नाम दे सकते हैं जिसे वास्तविक मुद्रा के द्वारा खरीदा जाता है। पूरी दुनियाँ में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री हो रही है। यह 100 से अधिक है। बिटकॉइन, एथेरियम, डॉगी कॉइन, शीबा इनु, इंटरनेट, बिनेन्स, ट्रोन, चिलीज, इयोन, वी चेन आदि इसके उदाहरण हैं।

3. वर्चुअल करेंसी: वर्चुअल करेंसी किसी  डेवलपर्स द्वारा बनाया जाता है, जो किसी संस्था एवं उसमें शामिल विभिन्न हितधारकों के लिए बनाया जाता है। इसे एक संगठन द्वारा नियंत्रित किया जाता है, यह अनियमित डिजिटल करेंसी है। इसपर भी किसी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता है।

बता दें कि भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022 का बजट पेश करते हुए ही यह कहा था कि रिजर्व बैंक अगले वित्त वर्ष में डिजिटल रुपया जारी करेगा। और इस बात पर डिजिटल रुपया जारी करते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने मुहर लगा दी।

आरबीआई ने कहा कि डिजिटल रुपया का संचालन और इसकी निगरानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) द्वारा होगा।  हालांकि बहुत से लोग ऐसे हैं जो डिजिटल करेंसी से आज भी अनजान हैं।

डिजिटल करेंसी या डिजिटल मुद्रा की प्रमुख बातें:

1. डिजिटल करेंसी से सम्बंधित लेनदेन इंटरनेट के द्वारा किया जाता है, इसे इलेक्ट्रॉनिक या डिजिटल वॉलेट (ऐप्स) का उपयोग करके किया जाता है।

2. डिजिटल करेंसी को बनाने में कम खर्च होता है जबकी फिजिकल करेंसी (नोट/सिक्का) के निर्माण में संसाधनों का अधिक उपयोग और खर्च होता है।

3. डिजिटल करेंसी लेनदेन की लागत को सस्ता बनाती है।

4. डिजिटल करेंसी पर सरकार की नजर रहेगी।

5. डिजिटल करेंसी की ट्रैकिंग हो सकेगी जबकि वास्तविक करेंसी (नोट) के साथ यह संभव नहीं है।

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