झारखंड

उपकार संघ के बैठक मे सुधीर कुमार पप्पू ने जवारा पूजा की महत्व पर प्रकाश डाला।

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Jamshedpur : उपकार संघ के प्रांगण में आज सदस्यों के साथ एक बैठक आयोजित कर नवरात्र जवारा पूजा की सफलता हेतु चर्चा करते हुए उपकार संघ के संरक्षक सुधीर कुमार पप्पू ने बताया कि उपकार संघ का इस वर्ष 40वा वर्ष है। चैत्र नवरात्र में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा करने का विधान है।

शक्ति स्वरूपा माँ भगवती की विधिवत पूजा करने के साथ कलश की स्थापना की जाती है।छत्तीसगढ़ी समाज मे जवारा पूजा का विशेष महत्व है,कलश स्थापना के समय कलश के चारों ओर जौ बोने की परंपरा है।कई जगहों पर इसे जवारा नाम से जानते हैं।मिट्टी में बोए जाने वाले इन जौ का काफी अधिक महत्व है।

जौ बोने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।कहा जाता है कि सृष्टि की पहली फसल जौ ही थी। इसी कारण इसे सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है और देवी-देवताओं की पूजा करने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं। चैत्र नवरात्रि में देवी माता की अराधना पूजा के लिए प्रति वर्ष जवारा पूजा किया जाता है नवरात्र में जौ बोने और नौ दिन बाद उन्हें विसर्जित करने की प्रथा देवी उपासना के साथ-साथ मनुष्य के प्रकृति के प्रति समर्पण का प्रतीक भी मानी जाती है।मान्यता है कि बिना जवारा के माता आदिशक्ति दुर्गा की पूजा अधूरी मानी जाती है।

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इस वर्ष उपकार संग मे जवारा पूजा पर 71श्रद्धालु के द्वारा माता का जोत भी सजाया जायेगा। इस पूजन मे छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड एवं जमशेदपुर से श्रद्धालु गन की उपस्थिति रहती है। इस वर्ष पूजा में हमारे अतिथि पूर्व महामहिम राज्यपाल (ओडीशा) सह पूर्व मुख्यमंत्री (झारखंड) रघुवर दास, सांसद विद्युत वरुण महतो, विधायक सरजू राय, विधयाक श्रीमती पूर्णिमा दास, पूर्व मंत्री (झारखंड) बन्ना गुप्ता, अमरप्रीत सिंह काले, राजकुमार सिंह, नीरज सिंह एवं कफी गणमान्य अतिथियों की उपस्थित होगी।

भजन मंडली नरेश वर्मा के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ी नवरात्रि माता की प्रस्तुति कि जायेगी। बैठक में मुख्य रूप से बसंत साहू, सतपाल साहू, नरेश वर्मा, उमाशंकर शर्मा,श्यामलाल साहू,अमन कुमार, कन्हैया यादव, साहिल शर्मा, सुजल शर्मा, विश्व साहू, हर्ष कुमार, नरेंद्र साहू, नरेंद्र वर्मा, कृष यादव, कुणाल यादव, विश्वकर्म वर्मा अन्य सदस्य और बस्ती वासी की उपस्थित रहे।दिनांक 29 मार्च 2025 पूजा पंडाल के उद्घाटन से दिनांक 6 अप्रैल 2025 विसर्जन के पश्चात 7 अप्रैल 2025 को दोपहर में,महाप्रसाद वितरण के साथ दशमी जुलूस का स्वागत एवं अभिनंदन किया जायेगा।

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