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कला और संस्कृति का अनूठा संगम: ‘ओक्टेव 2025’ में पूर्वोत्तर भारत की कला और संस्कृति का भव्य प्रदर्शन

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चाईबासा ( जय कुमार ): पश्चिम सिंहभूम जिला मुख्यालय शहर चाईबासा के एसोसिएशन मैदान में, पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, कोलकाता और भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित पूर्वोत्तर भारत के राज्यों की कला और संस्कृति का भव्य उत्सव, ‘ओक्टेव 2025’ का शानदार शुभारंभ हुआ।

प्रमंडलीय आयुक्त और कोल्हान रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक ने दीप प्रज्वलित कर इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया। यह तीन दिवसीय उत्सव 25 से 27 मार्च, 2025 तक चलेगा।

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कला और संस्कृति का अनूठा संगम:

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत के आठ राज्यों – त्रिपुरा, सिक्किम, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और असम की समृद्ध कला, संस्कृति, पारंपरिक वेशभूषा और विशिष्ट खान-पान को प्रस्तुत करना है। इन राज्यों के कलाकारों ने अपनी-अपनी कला का मनमोहक प्रदर्शन किया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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अनेकता में एकता का प्रतीक:

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, कोल्हान आयुक्त श्री हरि कुमार केशरी ने कहा कि भारत विविधता से भरा एक राष्ट्र है, और इसकी कला और संस्कृति हम सभी के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने EZCC और संस्कृति मंत्रालय को इस तरह के आयोजन के लिए धन्यवाद दिया, जिससे कोल्हान के लोगों को पूर्वोत्तर भारत की संस्कृति से परिचित होने का अवसर मिला।

पुलिस उप महानिरीक्षक कोल्हान रेंज श्री मनोज रत्न चौथे ने भारतीय संस्कृति की विशेषता ‘अनेकता में एकता’ पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह उत्सव उन लोगों के लिए एक सुनहरा अवसर है जो पूर्वोत्तर राज्यों की संस्कृति से अपरिचित हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में कला का प्रसार:

पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र कोलकाता के निदेशक आशीष कुमार गिरि ने बताया कि इस कार्यक्रम का आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्वोत्तर भारत की कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है।

दर्शकों की उमड़ी भीड़:

कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में सदर अनुमंडल पदाधिकारी संदीप अनुराग टोपनो, संगीत नाटक अकादमी अवॉर्डी गुरु तपन कुमार पटनायक और कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। जिला खेल पदाधिकारी श्रीमती रूपा रानी तिर्की ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

तीन दिवसीय उत्सव:

यह उत्सव 26 और 27 मार्च, 2025 को भी जारी रहेगा, और कोल्हान के लोग पूर्वोत्तर भारत की कला और संस्कृति का आनंद ले सकेंगे।

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