झारखंड

XLRI में अंतर्राष्ट्रीय औद्योगिक संबंध पर दो दिवसीय सम्मेलन संपन्न

Published

on

THE NEWS FRAME

जमशेदपुर  |  झारखण्ड 

जमशेदपुर के XLRI में दो दिवसीय “अंतर्राष्ट्रीय औद्योगिक संबंध” सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन का उद्देश्य 75 वर्षों के दौरान श्रम, औद्योगिक संबंध, अनुसंधान और शिक्षा को चिह्नित करना था. यह आयोजन एक्सएलआरआई जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट की ओऱ से लीड्स यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल, लीड्स, यूके और फ्रेडरिक-एबर्ट-स्टिफ्टंग (एफईएस) के सहयोग से किया गया.

सम्मेलन का विषय समसामयिक था, जो बदलती दुनिया में वैश्विक परिप्रेक्ष्य में श्रम और कार्य के औद्योगिक संबंध पर आधारित था. इसमें कानून, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान, इतिहास, श्रम भूगोल और मानवविज्ञान जैसे विषयों से 60 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया जिन्होंने संबंधित सिद्धांत को आगे बढ़ाने और नीति-निर्माण में योगदान देने के लिए साक्ष्य-आधारित अनुभवजन्य, वैचारिक और सैद्धांतिक अनुसंधान की एक श्रृंखला तैयार की है. अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, ताइवान, स्विट्जरलैंड, अर्जेंटीना समेत 10 विभिन्न देशों के 40 संस्थानों से आए इन प्रतिभागियों दो दिनों में 12 समानांतर सत्रों में 42 शोध पत्र प्रस्तुत किये. इन सत्रों की अध्यक्षता यूके, जर्मनी, जापान, ताइवान आदि विभिन्न देशों से आए नौ अलग-अलग सत्र प्रतिभागियों ने की. लीड्स यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर मार्क स्टुअर्ट और आईटीसी लिमिटेड के सीएचआरओ अमिताभ मुखर्जी ने की-नोट भाषण प्रस्तुत किये. इसके अलावा सम्मेलन में अकादमिक लेखन पर दो कार्यशालाएं हुईं, जहां प्रतिभागी ने प्रबंधन के क्षेत्र में प्रकाशित होनेवाले शीर्ष जर्नल्स के संपादकों से रू-ब-रू हुए.


सम्मेलन के बारे में बात करते हुए एक्सएलआरआई में लेबर रिलेशन के प्रोफेसर व सम्मेलन के अध्यक्ष शांतनु सरकार बताया कि सम्मेलन के लिए शोधार्थियों के शोधपत्र, उनकी समीक्षा करने आदि प्राप्त करने तथा योजना तैयार करने में लगभग एक वर्ष लग गया. उन्होंने आशा जतायी कि यह सम्मेलन एक्सएलआरआई में अपनी तरह का पहला सम्मेलन है जो सीमा पार के विद्वानों को एक-दूसरे के साथ बातचीत करने और विचारों की विविधता के लिए सराहनीय है. प्रो सरकार ने प्रो एंडी चार्लवुड के साथ मिलकर यूरोप, अमेरिका और एशिया के अन्य विश्वविद्यालयों के अपने सहयोगियों के साथ मिलकर ऐसे मुद्दों पर शोध करने के लिए कार्य किया है, जो निम्न है :-

1.वर्तमान वैश्विक संकटों का रोजगार और श्रम बाजार पर प्रभाव.

2.प्रौद्योगिकी नवाचार, कार्य और रोजगार.

3.लचीलापन, स्वायत्तता और श्रम प्रक्रिया.

4.लिंग, समानता और कार्य.

5.श्रमिक और सामाजिक आंदोलन, ट्रेड यूनियन और सामूहिक सौदेबाजी.

6.महामारी, देखभाल कार्य और ग्लोबल साउथ.

7.संकटों के असमान प्रभावों को कम करने के लिए श्रमिक आंदोलन रणनीतियां और नीतियां.

8.श्रमिक वर्ग पर संकट के प्रभाव को कम करने में प्रभावी नियमों पर तुलनात्मक संस्थागत दृष्टिकोण.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version