वन पट्टा मामले में हेमंत सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ आंदोलन होगा- मधु कोड़ा
वन पट्टा वितरण में हेमंत सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी की कड़ी प्रतिक्रिया
चाईबासा (जय कुमार) – सारंडा और पोड़ाहाट के वन क्षेत्रों में सदियों से निवास करने वाले आदिवासी और अन्य समुदाय के भाई-बहन आज भी अपने वन अधिकार से वंचित हैं। जल, जंगल, जमीन की प्राथमिकता में रहने वाले इन लोगों के लिए केंद्र सरकार द्वारा वन अधिकार अधिनियम के तहत भूमि पट्टा वितरण की योजना बनाई गई थी। वर्ष 2023 में झारखंड की हेमंत सरकार ने इन पट्टों के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से आवेदन मांगे थे, जिसके तहत लाखों लोगों को उम्मीद थी कि उनकी वर्षों पुरानी मांग पूरी होगी।
लेकिन हेमंत सरकार की उदासीनता और निष्क्रियता के कारण पांच साल बीत जाने के बाद भी वन क्षेत्र में निवास करने वाले गरीब आदिवासी समुदायों को वन पट्टा नहीं मिल पाया है। यह सरकार गरीब और आदिवासी भाई-बहनों को धोखा दे रही है और उनके अधिकारों की अनदेखी कर रही है।
इसके विरोध में भारतीय जनता पार्टी ने 22 अगस्त से “घंटा बजाओ, सरकार जगाओ” कार्यक्रम के तहत एक विशाल आंदोलन शुरू किया है। इस अभियान के तहत 3 अगस्त से 7 अगस्त तक क्रमशः नोवामुंडी, मनोहरपुर, जगन्नाथपुर, गोइलकेरा और टोंटो प्रखंडों में विशाल पदयात्रा और जनसभाएं आयोजित की जाएंगी। 7 अगस्त को टोंटो प्रखंड में धरना प्रदर्शन आयोजित कर वन पट्टा वितरण की मांग को जोरदार तरीके से उठाया जाएगा।
आज पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने गोइलकेरा, मनोहरपुर और टोंटो प्रखंडों के विभिन्न गांवों का दौरा कर ग्रामीणों के बीच जनजागरण अभियान चलाया और उन्हें इस आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि यह समय है कि हम सभी एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं और हेमंत सरकार को नींद से जगाएं।
हम हेमंत सरकार से मांग करते हैं कि वह तत्काल प्रभाव से आदिवासी एवं अन्य वनवासी समुदायों को वन अधिकार अधिनियम के तहत उनके अधिकारों का पट्टा वितरित करे तथा उनकी मांगों को गंभीरता से लेकर उचित समाधान करे।