सत्यानंद योग केंद्र।
जमशेदपुर : जमशेदपुर के तत्वाधान में पिछले 22 जून से 28 जून तक गोलमुरी क्लब में साप्ताहिक योग शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिसे पिछले दस साल से लगातार किया जा रहा है। इसबार साप्ताहिक शिविर में साधकों को उच्च योग साधना का अभ्यास करवाया जा रहा है।
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जिसमें कुल 110 लोगों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। यह शिविर स्वामी गोरखनाथ जी के मार्गदर्शन में सम्पन्न हो रहा है। स्वामी गोरखनाथ जी जो बिहार स्कूल ऑफ योग के वरिष्ठतम सन्यासी हैं और जिन्होंने 1970 में स्वामी सत्यानंद सरस्वती जी से सन्यास दीक्षा ग्रहण कर अपने जीवन को पूर्ण रूप से योग के प्रचार प्रसार के लिए समर्पित कर दिया है।स्वामी गोरखनाथ जी उच्च साधना शिविर में साधकों को आसन, प्राणायाम प्रत्याहार, धारणा, ध्यान आदि का विशेष रूप से अभ्यास करवा रहे हैं ।
जिसके तहत स्वामी जी साधकों को अंतरामौन्,अजपा जप, चिदाकाश धारणा, योग निद्रा जैसे प्रतिहार के उच्च साधना का गहनता से और क्रमबद्ध अभ्यास करवाए। स्वामी जी ने बताया कि प्रत्याहार के इन अभ्यासों की नियमबद्ध तरीके से करने पर साधक अपने मन के गहराई में पहुंच सकता है, जिसके द्वारा मन के गहराई में स्थित नकारात्मक विचार और भावों के प्रभाव को समाप्त कर सकता है। आज लोगों में जो व्याधियों उत्पन्न हो रही हैं इसके पीछे इन नकारात्मक विचारों का असर होता है।
साथ ही व्यवहार में नकारात्मक, चिड़चिड़ापन, क्रोध, लोभ, ईर्ष्या, दुवेष, पारिवारिक कलह, और मानसिक और शारीरिक तनाव आदि मन के गहराई में स्थित नकारात्मक विचार और तनाव का ही प्रतिफल है। साथ ही स्वामी जी ने शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए विभिन्न प्रकार के आसान और प्राणायाम का भी अभ्यास करवाएं। प्राणायाम में नाड़ीशोघन प्राणायाम, भ्रामरी प्राणायाम, कपालभाति, भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास करवाएं। आसनों में ताड़ासन, त्रियक ताड़ासन, कटी चक्रासन, पादप्रसार पश्चिमोत्तासन, पश्चिमोत्तासन, नौकासन, चक्कीचालन आसान, मर्जरी आसन, व्याघ्रसन, शशांक आसन, सुषुप्त वज्रासन उष्ट्रासन, सरल भुजंगासन, भुजंगासन, मकरासन, शलभासन, आदि आसनों को करने के सही तरीकों से साधकों को अवगत कराएं साथ ही इन आसनों से होने वालें लाभ और हानि के विषय में स्वामी जी के द्वारा विस्तार से बताएं गए।
स्वामी जी ने साधकों को योग को व्यावहारिक रूप में जीवन में उतरने के लिए उत्साहित किया और उसके लिए मार्गदर्शन किये। स्वामी जी ने साधकों को अपने मन की गहराई में उतरने के लिए हर श्वास प्रश्वास के प्रति हर पल सजग रहने के तरीके बताएं, जीवन में सजगता के विस्तार करने के रास्ते बताएं और मन में दबे नकारात्मक विचारों को दूर कर किस तरह सुबह से शाम तक किस रह तानावरहित और चहरे में मुस्कुराहट बना रह सके इस और भी व्यवहारिक ज्ञान दिए।
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कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था के अध्यक्ष लखन ठाकुर,उपाध्यक्ष मनोज झा, सचिव मलय दे, सह सचिव अश्वनी शुक्ला एवम राज शर्मा, साथ ही प्रिंस अग्रवाल, नेहा झा, किरण झा, अनुष्का, शताब्दी आदि का विशेष योगदान रहा।
भवदीय
अश्वनी कुमार शुक्ला
7543814141