- बाजार समिति शुल्के विरोध में चैम्बर से निकलेगा 1 सितंबर को मशाल जुलूस
- चैम्बर के नेतृत्व में 4 सितंबर को काला बिल्ला लगाकर व्यापारी करेंगे कृषि मंत्री से मुलाकात एवं विरोध
- अगर यह काला कानून लागू हुआ तो हो सकता है आवाक पूर्ण रूप से बंद एवं अनिश्चितकालीन बंद
- इस काले कानून के विरोध में मुखर हैं पूरे झारखण्ड के खाद्यान्न व्यवसायी-विजय आनंद मूनका
जमशेदपुर : सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के द्वारा झारखण्ड सरकार के द्वारा फिर से खाद्यान्न व्यवसायियों पर थोपे जाने वाले और जनता पर महंगाई को बोझ बढ़ाने वाला प्रस्तावित कृषि उपज एवं पशुधन संवर्द्धन विधेयक (बाजार समिति शुल्क) को लगाने के विरोध में कोल्हान के व्यवसायियों की एक बैठक शुक्रवार, दिनांक 30 अगस्त, 2024 को दोपहर में संपन्न हुई। जिसमें इस काले विधेयक के विरोध में खड़े होने का आव्हान व्यापारिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने किया। यह जानकारी अध्यक्ष विजय आनंद मूनका एवं मानद महासचिव मानव केडिया ने संयुक्त रूप से दी।
अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने बैठक में कहा कि पूर्व में झारखण्ड सरकार के द्वारा पूर्व में भी कृषि उपज एवं पशुधन संवर्द्धन विधेयक (बाजार समिति शुल्क) को लगाने का प्रयास किया गया था जिसका पूरे झारखण्ड राज्य में विरोध का आगाज सिंहभूम चैम्बर ने जमशेदपुर से किया था और यह विरोध एक बड़े आंदोलन का रूप लिया जिसके कारण झारखण्ड सरकार को झुकना पड़ा था और इसे विधेयक को वापस लेना पड़ा था। अब फिर से दोबारा झारखण्ड सरकार के द्वारा इस विधेयक का प्रस्ताव लाने जाने की सूचना प्राप्त हो रही है। और चैम्बर ने इसके विरोध की रूपरेखा तैयार कर ली है।
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अध्यक्ष ने कहा कि इस विधेयक के लागू हो जाने से भ्रष्टाचार, इंस्पेक्टर राज को तो बढ़ावा मिलेगा साथ ही इसका बोझ आम जनता पर पड़ता तय है। जिसे सिंहभूम चैम्बर कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। इसलिये हम व्यापारियों को फिर से एकजुट होना होगा और इसके खिलाफ आवाज उठानी होगी। सिंहभूम चैम्बर हमेशा व्यापारियों के हित के लिये मजबूती के साथ खड़ा है और रहेगा। उन्होंने कहा कि इस काले कानून के विरोध में पूरे झारखण्ड के खाद्यान्न व्यवसायी मुखर हैं।
इस अवसर पर व्यापारियों को संबोधित करते हुये व्यापार मंडल के अध्यक्ष दीपक भालोटिया ने कहा कि झारखण्ड सरकार के द्वारा प्रस्तावित इस काले विधेयक के विरोध में हम चैम्बर के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे और पुरजोर तरीके से इसका विरोध करेंगे। अगर फिर से भी सरकार ने इसे लागू किया तो बड़े आंदोलन की ओर अग्रसर होंगे।
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सिंहभूम चैम्बर के उपाध्यक्ष अनिल मोदी ने बताया कि झारखण्ड सरकार द्वारा प्रस्तावित बाजार समिति शुल्क के विरोध में आयोजित बैठक साकारात्मक माहौल में संपन्न हुई जिसमें खाद्यान्न व्यवसायियों ने चैम्बर के नेतृत्व में इसके विरोध में आगे बढ़ने पर अपनी सहमति प्रदान की। उपाध्यक्ष अनिल मोदी ने बताया कि व्यापारियों के विरोध को देखते हुये झारखण्ड सरकार की कृषि मंत्री श्रीमती दीपिका पांडे सिंह ने 4 सितंबर को रांची में खाद्यान्न व्यापारियों के साथ बैठक बुलाई गई है जिसमें कोल्हान के व्यापारी संगठन एवं खाद्यान्न व्यवसायी हाथों में काला बिल्ला लगाकर इस बैठक में शामिल होकर इसका विरोध करेंगे। उन्होंने जानकारी दी कि इस दिन परसुडीह बाजार समिति की सभी दुकानें बंद रहेंगी। अगर फिर भी इस प्रस्तावित विधेयक को लागू किया गया तो इसके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन किया जायेगा।
चैम्बर के सचिव भरत मकानी ने बताया कि 1 सितंबर, 2024 को खाद्यान्न व्यवसायी इस प्रस्तावित बाजार समिति शुल्क के विरोध में चैम्बर से एक मशाल जुलूस निकालकर मेन रोड बिष्टुपुर तक जायेंगे और सरकार को एक कड़ा संदेश देंगे।
आज की बैठक अध्यक्ष विजय आनंद मूनका, मानद महासचिव मानव केडिया, उपाध्यक्ष अनिल मोदी, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, पुनीत कांवटिया, सचिव भरत मकानी, अंशुल रिंगसिया, बिनोद शर्मा, कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया, व्यापार मंडल से दीपक भालोटिया, सरायकेला चैम्बर के अध्यक्ष प्रेम अग्रवाल एवं अन्य व्यापारीगण, बहरागोड़ा से अनिल अग्रवाल एवं अन्य व्यापारी, चाकुलिया से दीपक झुनझुनवाला, सौरव संघी सन्नी, रौनक सिंह, करण ओझा, संदीप सिंह, बलराम अग्रवाल, दिलीप कुमार तुलस्यान, किशन लाल अग्रवाल, बंशीधर अग्रवाल, चन्द्रप्रकाश शुक्ला, राजेश अग्रवाल, अमित सरायवाला, बिमल अग्रवाल, अरूण अग्रवाल, मनोज गोयल, अजय कुमार अग्रवाल, पवन कुमार, भवानी शंकर गुप्ता, मनोज खेमका, दिलीप कुमार पप्पु, विष्णु कुमार खीरवाल, अभिषेक अग्रवाल, गंगा एजेन्सी, अग्रवाल टेªडर्स, विष्णु टेªडिंग, आशीष शर्मा, दविन्द्र अग्रवाल, ललित चौधरी, प्रेमचन्द्र अग्रवाल, अजय कांवटिया, पवन अग्रवाल, अरूण कुमार सेक्सरिया, अनिल कुमार अग्रवाल, आनंद सेक्सरिया, अविनाश सुरेका, पीएल रूंगटा के अलावा काफी संख्या में खाद्यान्न व्यवसायी मौजूद थे।