जमशेदपुर 12 मार्च, 2024: जिला विधिक सेवा प्राधिकार (डालसा) जमशेदपुर द्वारा रविवार को न्याय सदन भवन में पारा लीगल वॉलिंटियर (पीएलवी) के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से पीएलवी शामिल हुए और प्रशिक्षण प्राप्त किया।
प्रशिक्षण का उद्देश्य:
- पीएलवी को डालसा के कार्यों, उद्देश्यों और भूमिकाओं से परिचित कराना
- घरेलू हिंसा, बाल विवाह, बालश्रम, पॉक्सो एक्ट जैसे कानूनों के बारे में जानकारी देना
- पीएलवी को न्याय दिलाने में उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों के बारे में शिक्षित करना
प्रशिक्षण में शामिल विषय:
- डालसा का गठन, कार्य, उद्देश्य और पीएलवी की भूमिका
- घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005
- बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006
- बाल श्रम (निषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986
- पॉक्सो (लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण) अधिनियम, 2012
- पीएलवी की भूमिका और जिम्मेदारियां
- पीएलवी द्वारा किए जाने वाले कार्य
- पीएलवी के लिए नैतिकता और आचार संहिता
प्रशिक्षण का महत्व:
पीएलवी न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे वंचित और जरूरतमंद लोगों को न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह प्रशिक्षण शिविर पीएलवी को उनके कार्यों को प्रभावी ढंग से करने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह भी पढ़ें :होटल महल इन में अयोजित स्वीप कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को दिलाई गई मतदाता शपथ
प्रशिक्षक:
- श्री के.के. सिन्हा, वरिष्ठ मिडिएटर, डालसा
- श्री तरित वरन कर, अधिवक्ता
उपस्थित अतिथि:
- जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जमशेदपुर
- डालसा के सचिव
- अन्य न्यायाधीश और अधिवक्ता
निष्कर्ष:
यह प्रशिक्षण शिविर पीएलवी के लिए बहुत उपयोगी रहा। इस शिविर ने उन्हें न्याय प्रणाली में उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद की। This training camp was very useful for the PLVs. It helped them to better understand their role and responsibilities in the justice system.