झारखंड

The rampage of elephants : घर, दीवारें और अनाज सब तबाह

Published

on

  • The rampage of elephants: houses, walls and grains all destroyed
  • 🐘 गिरीडीह के सरिया में गजराजों का तांडव: घर, दीवारें और अनाज सब तबाह

सर्वोदय गांव में हाथियों के झुंड ने मचाई भारी तबाही, बच्चों समेत 18 हाथियों का दल ग्रामीणों के लिए बना दहशत का कारण

📍 सरिया (गिरीडीह) :गिरीडीह जिले के सरिया प्रखंड अंतर्गत सर्वोदय गांव में हाथियों के झुंड ने सोमवार रात को भयावह तांडव मचाया। करीब 15 वयस्क हाथियों और 3 बच्चों का यह दल देर रात गांव में घुस आया और दर्जनों घरों, चारदीवारियों, और झोपड़ियों को जमींदोज कर दिया

हाथियों ने केवल संपत्ति को ही नहीं, बल्कि घरों में रखा अनाज, चावल-दाल, और स्कूल में रखा मध्याह्न भोजन भी नष्ट कर दिया। स्कूल की खिड़कियां और गेट तक तोड़ डाले गए

THE NEWS FRAME

👀 प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही:

ग्रामीण राजेश महतो ने बताया:

“हमने मशाल और ढोल से भगाने की कोशिश की, पर हाथी नहीं माने। उल्टा और उग्र हो गए।”

एक अन्य महिला ग्रामीण सरस्वती देवी ने रोते हुए कहा:

“हमारा पूरा अनाज चला गया, दीवार गिर गई। अब खाना कहां से आएगा?”

🛑 मुख्य बिंदु:

  • सर्वोदय गांव में हाथियों ने आधी रात मचाया उत्पात
  • दर्जनों घरों की दीवारें, खिड़कियां और पेड़ तोड़े गए
  • अनाज, चावल-दाल और मिड डे मील का सामान भी खाया
  • ईंट भट्ठे में काम कर रहे मजदूरों की झोपड़ियां तबाह
  • ग्रामीणों का दावा – हाथियों ने नदी किनारे बनाया डेरा, अब भी गांव में हैं मौजूद

Read More : देरी या लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी – SDO शताब्दी मजूमदार

🔥 ईंट भट्ठा मजदूरों की झुग्गियां तबाह

गांव के पास स्थित एक ईंट भट्ठा में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों की झोपड़ियों को भी हाथियों ने रौंद दिया। कई मजदूरों का जरूरी सामान और राशन नष्ट हो गया है। रातभर अफरातफरी और भय का माहौल रहा।

🐘 नदी किनारे बसाया बसेरा, अब भी गांव में मौजूद हैं हाथी

स्थानीय लोगों ने बताया कि हाथियों ने गांव छोड़कर भागा नहीं है।
बल्कि गांव के समीप नदी किनारे ही अपना डेरा बना रखा है। ऐसे में गांववालों के बीच भय का माहौल बना हुआ है

🚨 प्रशासन की लापरवाही पर सवाल

ग्रामीणों ने प्रशासन पर धीमी प्रतिक्रिया का आरोप लगाते हुए कहा कि

“यह पहली बार नहीं है, पहले भी हाथियों के झुंड यहां आते रहे हैं, पर अब तक कोई स्थायी उपाय नहीं किया गया।”

ग्रामीणों की मांग है कि –

  • वन विभाग तुरंत हस्तक्षेप करे
  • स्थायी हाथी सुरक्षा दीवार या खाई का निर्माण किया जाए
  • पीड़ित परिवारों को मुआवजा और खाद्य सामग्री तत्काल उपलब्ध कराई जाए

📉 पिछले एक साल में लगातार बढ़ रहा हाथी-मानव संघर्ष

पड़ोसी राज्यों छत्तीसगढ़ और ओडिशा से झारखंड में प्रवेश करने वाले हाथी दलों की संख्या बढ़ती जा रही है। वन क्षेत्रों की अंधाधुंध कटाई और आवासीय अतिक्रमण के चलते हाथियों के पारंपरिक रास्ते खत्म हो रहे हैं, जिससे यह संघर्ष और भयावह होता जा रहा है।

वीडियो देखें :

📢 निष्कर्ष:

गिरीडीह के सर्वोदय गांव की घटना सिर्फ एक गांव की त्रासदी नहीं, बल्कि यह वन्य जीव और मानव समाज के बीच बिगड़ते संतुलन की चेतावनी है। प्रशासन और वन विभाग को अब सिर्फ राहत नहीं, बल्कि दीर्घकालीन समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version