जमशेदपुर: रक्षा बंधन के पावन पर्व के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय कदमा शाखा में परमात्मा रक्षा बंधन का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सुबह से ही भाई-बहन रक्षा सूत्र बंधवाने के लिए आते रहे जो रात्रि 9 बजे तक चलता रहा। प्रभारी ब्रह्माकुमारी संजू बहन, बीके प्रीति बहन, बीके गंगा बहन ने सभी को ईश्वरीय सुख, शांति और पवित्रता का प्रतीक रक्षा सूत्र बांधा और शुभकामनाएं दी।
बीके संजू दीदी ने रक्षा बंधन का आध्यात्मिक रहस्य भी समझाया कि यह रक्षा बंधन रस्सी के कच्चे धागों से बांधने वाला बंधन नहीं है। यह रक्षा सूत्र जीवन की गरिमा और भाई-बहन के बीच निस्वार्थ प्रेम का प्रतीक है। इस दिन हर बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती है। यह अध्यात्म में आत्म-स्मरण का तिलक है। कि हम आत्मा के रूप में भाई हैं और शरीर के रिश्ते में बहन-भाई हैं।
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बहन भाई का मुंह मीठा करवाती है यानि हमेशा मुंह से मीठे बोल निकलने चाहिए। पवित्रता की प्रतिज्ञा रक्षा सूत्र का अर्थ है अपनी आत्मा में विकारों के कारण जो भी बुराइयां हैं, उन्हें परमात्मा की याद और शक्तियों के माध्यम से नष्ट कर राख कर दो, पवित्र रहने की प्रतिज्ञा करो और दूसरों को भी पवित्र बनाने का संदेश दो।
इन आध्यात्मिक रहस्यों में ‘सत्य और पवित्रता’ की शक्ति समाहित है। परमपिता परमात्मा शिव द्वारा दिया गया पवित्रता का मंत्र हर मनुष्य को सुरक्षा की गारंटी देता है। रक्षा बंधन एक दिव्य बंधन है, आध्यात्मिक बंधन है या धार्मिक बंधन है।