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जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित हुई रूआर, 2024 (Back to School Campaign) को लेकर एक दिवसीय कार्यशाला।

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जमशेदपुर : माननीय विधायकगण के प्रतिनिधि, उप विकास आयुक्त, क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक समेत मुखियागण, शिक्षा विभागीय पदाधिकारी व कर्मी हुए शामिल,15 से 31 जुलाई तक चलाया जा रहा 16 दिनों का सघन अभियान, 5 से 18 वर्ष उम्र के ड्रॉप ऑउट बच्चों को स्कूल की शिक्षा से वापस जोड़ना उद्देश्य।टाउन हॉल सिदगोड़ा में जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में रूआर, 2024 (Back to School Campaign) को लेकर एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई ।

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माननीय विधायकगण के प्रतिनिधि, उप विकास आयुक्त श्री मनीष कुमार, क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक श्रीमती निर्मला बरेलिया, डीईओ श्री मनोज कुमार, डीएसई श्री आशीष पांडेय, स्कूलों के प्राचार्य तथा शिक्षा विभाग के अन्य पदाधिकारी व कर्मी एवं मुखियागण शामिल हुए ।नई शिक्षा नीति और बाल शिक्षा अधिकार कानून के संबंध में निर्धारित प्रावधान के तहत 5 से 18 वर्ष के बच्चों को अनिवार्य रूप से स्कूल की शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रावधान है । 15 जुलाई से 31 जुलाई तक संचालित रूआर, 2024 (Back to School Campaign) का उद्देश्य स्कूल नहीं जाने वाले बच्चे या फिर स्कूल छोड़ देने वाले बच्चों को एक बार फिर से स्कूल लाना है ।

बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान।

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि अभियान की जानकारी सभी को है लेकिन कितनी तत्परता से और गंभीरता से इसे अमल में लाना है इस उद्देश्य से यह कार्यशाला आयोजित की गई है । उन्होने कहा कि समीक्षा के क्रम में यह पाया जाता है कि कई स्कूलों में या तो बच्चों की उपस्थिति नहीं है य उनका अटेडेंस नहीं बन रहा है । बच्चों को स्कूल में रोचक माहौल दें ताकि वे खुशी-खुशी स्कूल आएं । चुनौती को सकारात्मक तरीके से लेते हुए ड्रॉप आउट बच्चों को वापस स्कूल लाने के लिए विशेष पहल की जरूरत है ।

किसी बच्चे के व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान होता है, उन्हें शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं रखा जा सकता है, हर परिस्थिति में उन्हें शिक्षा उपलब्ध कराई जानी है । उन्हें पढ़ाकर ही सशक्त, आत्मनिर्भर और दृढ़ निश्चयी बनाया जा सकता है जो विषम परिस्थितियों में अपने बुद्धि-विवेक का इस्तेमाल कर जीवन की कठिनाइयों से आगे बढ़ सकते हैं ।

चुनौतियों को स्वीकार कर समाधान ढूढें।

जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त ने कहा कि हर क्षेत्र विशेष की अपनी चुनौतियां हैं, स्थानीय स्तर पर उसका समाधान ढूंढे । जनप्रतिनिधियों के साथ शिक्षा विभागीय पदाधिकारी समीक्षा करें कि किस कारण से बच्चे स्कूल आना बंद कर रहे । मुखिया, वार्ड सदस्य, प्राचार्य, शिक्षक व अभिभावक कमिटी बनाकर समेकित प्रयास करें । चुनौतियों को सामने रखकर समाधान ढूंढे। कोई भी बच्चा शिक्षा के अधिकार से वंचित ना रहे इसे लेकर राज्य सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं।

छात्रवृत्ति, सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, साईकिल वितरण, मध्याह्न भोजन जैसी योजनाओं का अच्छादन बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने के लिए किया जाना चाहिए । किसी भी कारण से स्कूल नहीं जा रहे बच्चों को स्कूल में एक बार फिर से नामांकित करना है। किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझ रहे बच्चों को इसकी सुविधा देनी है ।

जिला

सौ फीसदी साक्षर ग्राम से सौ फीसदी डिजिटल लिटरेसी की ओर कदम बढ़ायें।

उप विकास आयुक्त ने कहा कि विशेषकर कमजोर वर्ग के बच्चों को बेहतर शैक्षिक वातावरण उपलब्ध कराने को लेकर जिला प्रशासन संवेदनशील है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बहुत ही पारदर्शी तरीके से रिकॉर्ड टाइम में योग्य बच्चों का नामांकन प्रक्रिया पूर्ण किया गया है । राज्य सरकार और जिला प्रशासन का शिक्षा को लेकर विशेष फोकस है, इससे क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होता है । सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देनी हो या बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।

सभी शिक्षक और पंचायत जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के बच्चों को प्रगतिशील और सकारात्मक वातावरण दें ताकि शिक्षा से वे विमुख नहीं हो सकें। किसी भी गांव-घर का कोई बच्चा स्कूल से अनुपस्थित नहीं रहे इसका शिक्षक के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी ध्यान रखें । उन्होने आह्वान किया कि ‘सौ फीसदी साक्षर ग्राम से सौ फीसदी डिजिटल लिटरेसी की ओर कदम बढ़ाना है इसमें सभी के सामूहिक प्रयास की जरूरत है।

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क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक, कोल्हान प्रमंडल ने कहा कि अभियान के तहत विद्यालय से बहर रह गए बच्चे, प्रवासी बच्चे एवं विशेष आवश्यकता वाले बच्चे के माता-पिता तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि एक भी बच्चा विद्यालय से बाहर न रहे तथा 5 से 18 आयु वर्ग के सभी बच्चे विद्यालय में नामांकित हो और अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी करें। विद्यालय से बाहर रह गए बच्चों का शत प्रतिशत नामांकन एवं उपस्थिति, पिछले वर्षों में कक्षा 1 से 11 तक के नामांकित सभी बच्चों का अगली कक्षा में शत प्रतिशत नामांकन एवं उपस्थिति, सभी बच्चों की उपस्थिति ई- विद्यावाहिनी में दर्ज करना तथा नव नामांकित बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करना कार्यक्रम का उद्देश्य है।

इस अवसर पर जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त, उप विकास आयुक्त द्वारा रूआर, 2024 (Back to School Campaign) जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। जागरूकता रथ गांव-गांव घूमकर अभिभावकों को अभियान की जानकारी देगा साथ ही बच्चों को वापस स्कूल में नामांकन एवं छात्रों के लिए सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जागरूक करेगा।

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