जमशेदपुर : महिला विश्वविद्यालय की इग्नू बी.एड प्रोग्राम की कार्यशाला के नवें दिन इग्नू की समन्वयक डॉ. त्रिपुरा झा ने प्रार्थना सभा के साथ प्रथम सत्र में चारों सत्र का विषय प्रवेश कराते हुए पाठ्यचर्या पर्यंत भाषा’, ‘गणित शिक्षण में साहित्य’ और ‘विषय विशिष्ट के आंकलन उपकरण’ जैसे विषयों पर संक्षेप में प्रकाश डाला।
प्रथम सत्र में कोल्हान क्षेत्र की क्षेत्रीय उपनिदेशक श्रीमती निर्मला कुमारी बरेलिया और प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल, पटमदा की प्रधानाध्यापिका डॉ. प्रियंका झा भी शिक्षार्थियों के बीच उपस्थित रही। श्रीमती निर्मला कुमारी बरेलिया जी ने शिक्षार्थियों संग अपने शैक्षिक जीवन के कई अनुभव साझा करते हुए शिक्षार्थियों को बेहतर शिक्षक बनने हेतु प्रेरित किया।
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उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सारण शिक्षण विधि, मूल्यांकन के विधियों पर भी चर्चा की। श्रीमती निर्मला जी ने कार्यशाला में बेहतर प्रदर्शन करने वाले शिक्षार्थियों को भी पुरस्कृत भी किया। डॉ. प्रियंका झा ने शिक्षार्थियों को बेहतर शिक्षक के गुणों की जानकारी दी और बेहतर शिक्षा का महत्व बताया। उनके विचारों और अनुभवों से सभी शिक्षार्थी प्रेरित और लाभान्वित हुए।
प्रथम सत्र की संसाधन सेवी रही इग्नू की समन्वयक डॉ. त्रिपुरा झा ने ‘पाठ्यचर्या पर्यंत भाषा क्या है?’ विषय पर शिक्षार्थियों संग चर्चा करते हुए शिक्षण में भाषा की भूमिका पर प्रकाश डाला। डॉ. त्रिपुरा झा ने दैनिक जीवन से जुड़े सामान्य उदाहरण का प्रयोग करते हुए अधिगम में भाषा का महत्व और कक्षा शिक्षण को बेहतर बनाने में भाषा की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यशाला के दौरान शिक्षार्थियों को विभिन्न भाषा आधारित कार्यकलाप भी करवाए गए।
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द्वितीय सत्र की संसाधन सेवी रहीं करीम सिटी कॉलेज, जमशेदपुर के बी. एड विभाग की विभागाध्यक्षा डॉ. सुचिता भुइयां ने ‘गणित शिक्षण के लिए साहित्य का उपयोग’ विषय पर चर्चा की। उन्होंने गणित और साहित्य को जोड़ते हुए गणित पढ़ाने पर जोर दिया।
तृतीय और चतुर्थ सत्र का विषय ‘विषय विशिष्ट के आंकलन उपकरण का निर्माण एवं प्रस्तुति’ रहा। दोनों सत्रों के अंतर्गत शिक्षाशास्त्रीय विषयों के विशेषज्ञ भी उपस्थित रहे। विषय विशेषज्ञों में डॉ. त्रिपुरा झा ने हिन्दी, डॉ. संजय भुइयां ने विज्ञान, डॉ. अरुणिमा कुमारी ने अंग्रेजी, डॉ. सुचिता भुइयां ने गणित और श्रीमती नेहा सुरुचि मिंज ने सामाजिक विज्ञान विषय में शिक्षार्थियों को आंकलन उपकरण बनाने की विधि बताई और मार्गदर्शन किया। शिक्षार्थियों को सतत एवं व्यापक मूल्यांकन की भी जानकारी दी गई। कार्यशाला में उपस्थित प्रत्येक शिक्षार्थी ने विभिन्न विषयों में आंकलन उपकरणों का निर्माण किया और प्रस्तुति दी।
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कार्यशाला को सफल बनाने में नेहा सुरुचि मिंज, प्रभाकर राव और उपेंद्र शर्मा समेत सभी संसाधन सेवियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का सत्रावसान हुआ। कार्यशाला में शिक्षक, छात्राएं, छात्र, संसाधन सेवी उपस्थित रहे।