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नेशनल हॉकर फेडरेशन (National Hawker Federation) एवं दीन बंधु ट्रस्ट ने जलवायु न्याय एवं खाद्य संप्रभुता के लिए किया प्रदर्शन

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जमशेदपुर: शहर के विभिन्न क्षेत्रों में नेशनल हॉकर फेडरेशन (National Hawker Federation) और दीन बंधु ट्रस्ट द्वारा जलवायु परिवर्तन न्याय के लिए रैली, मानव श्रृंखला और प्रदर्शन किया गया। इस अभियान का नेतृत्व नेशनल हॉकर फेडरेशन के सचिव उत्तम चक्रवर्ती ने किया, जिसमें डिमना, गोलमुरी, काशीडीह, जवाहरनगर, बामनी, बेलटॉड, कटीन, लायाडीह, गिरुवाला, ओड़िया चिरूडीह, कांकु जैसे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया। इस दौरान लोगों को जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान और प्लास्टिक के प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया गया।

प्रदर्शनकारियों ने निम्नलिखित मांगों को लेकर अपनी आवाज उठाई:

1. भूमि और जल का उपयोग लोगों की जरूरतों के लिए हो, निर्यात के लिए नहीं।
2. घरेलू उपभोग के लिए प्रमुख खाद्य उत्पादन को प्राथमिकता दी जाए।
3. उपजाऊ कृषि भूमि का कॉर्पोरेट क्षेत्र में रूपांतरण बंद हो।
4. आयात पर निर्भरता खत्म की जाए और स्थानीय उत्पादन का समर्थन किया जाए।
5. आईएमएफ और विश्व बैंक को हमारी खाद्य प्रणालियों से दूर रखा जाए।
6. हमारे खाद्य उत्पादन के जलवायु अनुकूलन की योजनाएं तुरंत लागू की जाएं।
7. जल, जंगल, जमीन को लोगों के पास वापस किया जाए।

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इस अवसर पर उत्तम चक्रवर्ती ने कहा, “जलवायु न्याय के बिना भोजन का अधिकार संभव नहीं है। हम अपनी सरकार से आग्रह करते हैं कि वह हमारी खाद्य प्रणालियों की रक्षा करे और ग्लोबल नॉर्थ देशों से जलवायु ऋण के भुगतान की मांग करें। हमें उन हानिकारक प्रणालियों को समाप्त करना होगा जो लाभ के लिए भोजन उगाती हैं, और एक ऐसा भविष्य बनाना होगा जहाँ भोजन लोगों के लिए उगाया जाए।”

नेशनल हॉकर फेडरेशन के नागेन्द्र कुमार ने बताया, “रोम में विश्व खाद्य सुरक्षा पर संयुक्त राष्ट्र समिति की बैठक और विश्व बैंक तथा आईएमएफ द्वारा वैश्विक खाद्य प्रणालियों पर चर्चा के दौरान हमें वास्तविक कार्रवाई की मांग करनी चाहिए। वैश्विक उत्तर द्वारा हमारी भूमि, जल और जलवायु का शोषण हमें संकट में डाल रहा है, और अब क्षतिपूर्ति का समय आ गया है।”

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इस प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए और उन्होंने खाद्य एवं जलवायु न्याय के लिए एशिया कार्रवाई दिवस में भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने कॉर्पोरेट-संचालित खाद्य प्रणालियों को समाप्त करने और टिकाऊ, जलवायु-लचीले तथा न्यायसंगत समाधानों की मांग की।

कार्यक्रम को सफल बनाने में उत्तम चक्रवर्ती, नागेन्द्र कुमार, सुनीता पोयरा, मिथिलेश तिवारी, खालिद इकबाल, शिव शंकर महतो, नंदा रजक, लक्ष्मी सागर मांझी, राहुल अंसारी, शर्मीला मारडी, अरशी, रूबी, नूर तथा सैकड़ों पथ विक्रेताओं और समाजसेवियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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