जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम जिले के साकची स्थित आम बागान में नाबार्ड द्वारा लगाए गए तीन दिवसीय FPO/OFPO कृषि मेले का शुक्रवार को समापन हो गया। समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में नाबार्ड के निदेशक दीपांकर चौधरी, जिला विकास प्रबंधक जस्मिका बास्के, एसडीएम संतोष कुमार, और अन्य महत्वपूर्ण अधिकारी उपस्थित थे। मेले में बाहर से आए किसानों ने अपनी प्रोडक्ट को प्रदर्शन किया और विभिन्न कृषि सम्बन्धी जानकारियों का लाभ उठाया।
मुख्य अतिथि दीपांकर चौधरी ने मेले के दौरान उज्जवल भविष्य के लिए नवाचार को महत्वपूर्ण बताया और कृषि समृद्धि के लिए नए तरीकों का प्रयोग करने की आवश्यकता जताई। वे किसानों को डिजिटल तकनीक के माध्यम से अपने उत्पादों को बाजार में पहुंचाने के लिए अधिक प्रेरित करने की बात कही।
समापन समारोह में अन्य अतिथियों ने भी नवाचार को प्रोत्साहित किया और अपने सुझावों को साझा किया। नाबार्ड के द्वारा कृषि मेले का आयोजन किया जाना एक सफल पहल थी जो किसानों को नए और प्रभावी तरीकों से कृषि क्षेत्र में सक्षम बनाने का संकल्प दिखाती है।
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भी एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें एफपीओ से जुड़ी महिलाएं भाग ली। इस कार्यक्रम में महिलाओं के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नाबार्ड ने कई योजनाओं की शुरुआत की गई और महिलाओं को नई तकनीकों और विकल्पों के साथ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया।
समापन में, नाबार्ड के कार्यक्रमों ने कृषि उत्पादकों के लिए नए द्वार खोले और उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस साथ, कृषि क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बनाने का प्रयास भी किया गया।
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खबर विस्तार से
नाबार्ड द्वारा पूर्वी सिंहभूम जिले में साकची स्थित आम बागान में लगाए गए तीन दिवसीय FPO/ OFPO कृषि मेला का शुक्रवार को समापन किया गया। समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि दीपांकर चौधरी, भा॰प्र॰स, निदेशक, आईटीडीए शामिल हुए। अन्य अतिथियों में नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक जस्मिका बास्के, श्रीमती अनीमा लकरा, डीएचओ, एलडीएम संतोष कुमार,डॉ सुरेन्द्रकुमार, भिस्म सिंह, अध्यक्ष, एसम्ब्ली ऑफ ह्यूमन राइट्स अँड जस्टिस, जमशेदपुर अथवा FPO/ OFPO के प्रतिनिधि उपस्थित हुए थे।
मौके पर मुख्य अतिथि दीपांकर चौधरी, भा॰प्र॰स ने कहा कि बढ़ती वित्तीय प्रतिस्पर्धा , व्यावसायिकता की कमी, पूंजी एवं तकनीकी विशेषज्ञता का अभाव, मूलभूत अवसंरचना का अभाव, पुराने तौर तरीके एवं नवाचार का अभाव आदि के कारण समितियों के व्यवसाय में कमी आ रही है। समितियां नवाचार एवं व्यवसाय विविधिकरण के माध्यम से FPO/OFPO अपनी कायापलट कर सकते हैं ।
डिजिटल तकनीक जैसे ओएनडीसी के प्लैटफ़ार्म में रजिस्टर करवाने से किसानों के उत्पाद और बाज़ार से जोड़ने पर चमत्कारिक परिवर्तन देखे जा सकते हैं। नाबार्ड कृषि क्षेत्र में और अच्छा कार्य कर जनमानस के हृदय में अपना स्थान हासिल करे। किसानों को नई-नई तकनीकों से खेती करने में अपना पूरा सहयोग दे और किसानों की दिन-प्रतिदिन की कठिनाइयों को दूर करने के लिए तत्पर रहे। उन्होने नाबार्ड, ONDC अथवा SFAC के इसपहल को सराहा और आगे भीऐसे प्रयासों- को ज़ारी रखने हेतु सुझाव दिए।
डीडीएम नाबार्ड श्रीमती जसमिका बास्के ने नाबार्ड के कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्रों कोबढ़ावा देने के प्रयासों का संछिप्त विवरण दिया । उन्होने बताया की छोटे और सीमांत किसानों को एकत्रित करने को तथा इन चुनौतियों का सामना करने के लिए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के रूप में संगठन बनाने को सबसे प्रभावी और उपयुक्त संस्थागत तंत्र के रूप में मान्यता दी गई है। नाबार्ड ऐसे संगठनो को बढ़ावा देने के लिए सहायता प्रदान करती है। जिला उद्यान अधिकारी श्रीमती अनीमा लकरा, झस एवं डॉ सुरेन्द्रकुमार,डीएएचओ ने राज्य सरकार द्वारा दी गई योजनाओं के बारे में बताया।
एलडीएम संतोष कुमार ने कहा हम लोग इस तरह के कार्यक्रम में आप लोगों के साथ बैठकर किसानों और महिलाओं को बैंक में होने वाली कई तरह की परेशानियों और समस्याओं से अवगत होते हैं जिसे हम लोग उसको दूर करने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं हमें बहुत खुशी होती है इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेकर। वहीं भिस्म सिंह, अध्यक्ष, एसम्ब्ली ऑफ ह्यूमन राइट्स अँड जस्टिस, भ स ने गव पशुपालन को बढ़ावा देने की हिदायतें दी।अंत में नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय से आए हुए अधिकारी रवि कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन कर उपस्थित सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया । मेला में बाहर से आए किसानो ने स्टॉल लगाकर अपनी प्रोडक्ट को प्रदर्शनी भी लगाई।
मेला में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस भी मनाया गया
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के शुभ अवसर पर नाबार्ड की पहल पर आमबगान मैदान मे लगे मेला परिसर में महिला दिवस मनाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक जस्मिका बास्के, श्रीमती अनीमा लकरा, डीएचओ, एलडीएम संतोष कुमार, डॉ सुरेन्द्रकुमार, डीएएचओ, भिस्म सिंह, अध्यक्ष, एसम्ब्ली ऑफ ह्यूमन राइट्स अँड जस्टिस, जमशेदपुर उपस्थित हुए। इस कार्यक्रम में FPO/ ओएफ़पीओ की सैकड़ो महिलाओं ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। सर्वप्रथमसंथाल नृत्य से उपस्थित अतिथियों का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में एफपीओ से जुड़े महिलाओं को उपस्थित सभी अतिथियों ने संगठित होकर आगे बढ़कर काम करने के लिए प्रेरित किया और कहा की महिलाओं के लिए बैंक पूरी ईमानदारी के साथ काम करने के लिए तैयार है और उन्हें किसी भी प्रकार का लोन दिलाने के लिए कटिबंध है।
डीडीएम श्रीमती जस्मिका बास्के ने कहा कि एक महिला होने के नाते जिला भर में सभी स्वयं सहायता समूह और एफपीओ के महिलाओं से रूबरू हो रही हूं और उनके हर जरूरत को पूरा करने के लिए प्रयत्नशील रहती हूं उन्होंने उपस्थित सभी महिलाओं से परिचय लिया उनके कार्यों के बारे में जाना और कहा कि आप लोग जिस क्षेत्र में काम करना चाहते हैं पहले आप लोग प्रशिक्षित होने की कोशिश करें जिसमें नाबार्ड आप लोगों को पूरा सहयोग करेगी आज महिलाएं निडर होकर घर से बाहर निकाल कर खुद अपने पैर पर खड़ी होना चाहती है जो एक सराहनीय कदम है जिसमें नाबार्ड और सभी बैंक सहयोग करने के लिए तैयार है।
जिला उद्यान अधिकारी श्रीमती अनीमा लकरा ने राज्य सरकार द्वारा दी गई योजनाओं के बारे में बताया। वहाँउपस्थित सभी महिलाओं को बताया कि हम लोगों का जमीन अब बंजर और विषैला हो रहा है उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे अब रासायनिक खाद से छुटकारा लेना चाहिए और जैविक खाद का उपयोग करना चाहिए उन्होंने कई तरह के जैविक उर्वरक बनाने का प्रशिक्षण भी दिया और कहां की आज ज्यादातर लोग कई प्रकार की बीमारियों से ग्रसित है उन्हें जैविक सब्जी और फल, अनाज खाना चाहिए जिससे उनके सेहत में सुधार होगा और वह स्वस्थ रहेंगे।
एलडीएम संतोष कुमार ने कहा कि हम लोग इस तरह के कार्यक्रम में आप लोगों के साथ बैठकर किसानों और महिलाओं को बैंक में होने वाली कई तरह की परेशानियों और समस्याओं से अवगत होते हैं जिसे हम लोग उसको दूर करने के लिए प्रयत्नशील रहते हैं हमें बहुत खुशी होती है इस तरह के कार्यक्रम में भाग लेकर। अंत में नाबार्ड क्षेत्रीय कार्यालय से आए हुए अधिकारी रवि कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन कर उपस्थित सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया और कहां की इस तरह के कार्यक्रम से इस क्षेत्र के काम करने वाले महिलाओं को काफी ऊर्जा मिलेगी और वह बेहतर ढंग से कार्य कर सकेंगे।