झारखंड

कृषि मेला: आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम आगे

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जमशेदपुर: 06 से 08 मार्च तक, आमबगान साकची में आयोजित तीन दिवसीय कृषि मेले का उद्घाटन किया गया, जिसमें चार स्टेट्स से किसानों ने भाग लिया।

जमशेदपुर में, साकची स्थित आमबगान मैदान में आयोजित तीन दिवसीय FPO/OFPO कृषि मेले का उद्घाटन मनोज कुमार सिंह, KVIC के सदस्य, पूर्वी क्षेत्र, भारत सरकार द्वारा दीप प्रज्जवलित करके किया गया। इस आयोजन का संचालन नाबार्ड, झारखंड ONDC, और SFAC के सहयोग से किया गया है। उद्घाटन समारोह में श्रीमति अनविता सुरीन, नाबार्ड के महाप्रबंधक, ओएनडीसी प्रतिनिधि आर्य विनायकम, श्रीमती आरती केवीके, वैज्ञानिक संतोष कुमार, अग्रणी बैंक प्रबंधक, दीपक कुमार कृषि अधिकारी, और श्रीमती जस्मिका बास्के, जिला विकास अधिकारी, नाबार्ड शामिल हुए।

मुख्य अतिथि मनोज कुमार सिंह ने अपने संबोधन में झारखंड के किसानों की आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कृषि क्षेत्र में उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के साथ राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर के विभिन्न मानकों के अनुरूप गुणवत्ता में सुधार लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए जैविक और प्राकृतिक खेती उपयोगी होगी और लघु उद्योग, ग्रामीण पर्यटन इत्यादि को बढ़ावा देने का भी आह्वान किया।

आमबगान साकची में आयोजित तीन दिवसीय कृषि मेले का उद्घाटन

आमबगान साकची में आयोजित तीन दिवसीय कृषि मेले का उद्घाटन

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मुख्य अतिथि श्री कुमार सिंह ने कहा कि आजादी के समय से भारत अब ‘आत्मनिर्भर भारत’ बन गया है और कृषि नवाचार ने उसकी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कृषि क्षेत्र में सुधार के प्रयासों की सराहना की और बताया कि विकास के लिए कृषि अनिवार्य है। सिंचाई सुविधाओं की कमी, जलवायु परिवर्तन, रासायनिक खादों का प्रयोग जैसी कई समस्याएं हैं जो हमें निपटनी होंगी। आज, आत्मनिर्भर भारत के अवसर में, हमें ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ज्यादा प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने विकसित राष्ट्र के लिए कृषि के विकास को संगठित रूप से साथ लेने का आह्वान किया।

नाबार्ड के क्षेत्रीय कार्यालय से आए श्रीमति अनविता सुरीन ने बताया कि नाबार्ड कृषि और ग्रामीण विकास के लिए कटिबद्ध है और डिजिटल तकनीक के उपयोग से किसानों की स्थिति में सुधार आ सकता है। वह नाबार्ड द्वारा चलाए जा रहे ग्रामीण क्षेत्रों में वित्त पोषण, कौशल विकास, और वित्तसमावेशन के कार्यक्रमों की संदर्भ बताईं। उन्होंने झारखंड में प्राकृतिक स्रोतों का उपयोग बढ़ाने की भी बात की और किसानों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। कृषि मेले में आए किसानों ने अपने प्रोडक्ट्स की प्रदर्शनी किया।

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