जमशेदपुर: करीम सिटी कॉलेज के जूलॉजी विभाग ने अपने छात्र-छात्राओं के लिए समुद्री जीवों एवं सांस्कृतिक विरासत के अध्ययन हेतु विशाखापट्टनम की एक शैक्षणिक यात्रा का आयोजन किया। यह यात्रा 29 फरवरी से 4 मार्च तक चली।
इस यात्रा का उद्देश्य छात्रों को विशाखापट्टनम में स्थित जैविक उपकेंद्रों का भ्रमण कराने के साथ-साथ स्थानीय सांस्कृतिक विरासत को जानने और समुद्री जीवन के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने का अवसर प्रदान करना था।
यात्रा का नेतृत्व विभागाध्यक्ष डॉ. शशि प्रभा ने किया और उनके साथ विभाग की अन्य शिक्षिकाएं प्रो. सानिया तहरीम एवं सादिक अखतर भी शामिल रहीं।
यात्रा के दौरान छात्रों ने निम्नलिखित स्थानों का भ्रमण किया:
- विशाखापट्टनम चिड़ियाघर: यहां छात्रों ने विभिन्न प्रकार के जानवरों और पक्षियों को देखा और उनके बारे में जानकारी प्राप्त की।
- मत्स्य पालन महाविद्यालय: यहां छात्रों ने मछली पालन के विभिन्न तरीकों और तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
- समुद्री संग्रहालय: यहां छात्रों ने समुद्री जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।
- आरके बीच: यहां छात्रों ने समुद्र तट का आनंद लिया और समुद्री जीवों को देखा।
- बोरोबुद्धुर: यहां छात्रों ने बौद्ध धर्म के बारे में जानकारी प्राप्त की और प्राचीन मंदिरों को देखा।
- अराकू घाटी: यहां छात्रों ने प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया और आदिवासी संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त की।
इस यात्रा से छात्रों को निम्नलिखित लाभ हुए:
- उन्होंने समुद्री जीवों और सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी प्राप्त की।
- उन्होंने विभिन्न प्रकार के जानवरों और पक्षियों को देखा।
- उन्होंने मछली पालन के विभिन्न तरीकों और तकनीकों के बारे में जानकारी प्राप्त की।
- उन्होंने समुद्र तट का आनंद लिया और समुद्री जीवों को देखा।
- उन्होंने बौद्ध धर्म के बारे में जानकारी प्राप्त की और प्राचीन मंदिरों को देखा।
- उन्होंने प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया और आदिवासी संस्कृति के बारे में जानकारी प्राप्त की।
कुल मिलाकर, यह यात्रा छात्रों के लिए एक शानदार सीखने का अनुभव था। उन्होंने न केवल समुद्री जीवों और सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी प्राप्त की, बल्कि उन्होंने विभिन्न प्रकार के जानवरों और पक्षियों को भी देखा। यह यात्रा छात्रों के लिए एक यादगार अनुभव रहेगा।
पढ़ें खास खबर: