पूर्वी सिंहभूम: भारतीय मानवधिकार एसोसिएशन पूर्वी सिंहभूम ने झारखंड सरकार से 21 और 22 तारीख को सुबह 8:00 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रखने के निर्णय पर सवाल उठाए हैं। यह निर्णय झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की प्रतियोगिता परीक्षा के दौरान लिया गया है। एसोसिएशन का मानना है कि यह समाधान उचित नहीं है, क्योंकि आज के समय में अधिकतर कार्य इंटरनेट के माध्यम से ही किए जाते हैं, जिनमें बैंकिंग सेवाएं, टैक्स, चिकित्सा, यातायात व्यवस्था, व्यवसाय और पेमेंट ट्रांजैक्शन जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं शामिल हैं।
इंटरनेट बंद होने से लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, और एसोसिएशन ने यह जानना चाहा है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है। उन्होंने सवाल उठाया कि भारत और राज्य में कई परीक्षाएं होती हैं, तो क्या हर बार इंटरनेट सेवा बंद की जाएगी?
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एसोसिएशन ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वे इस समस्या का कोई दूसरा समाधान खोजें। उन्होंने सुझाव दिया है कि परीक्षा केंद्रों पर जैमर लगाकर मोबाइल फोन या अन्य गलत गतिविधियों को रोका जा सकता है। एसोसिएशन का मानना है कि आज के समय में इंटरनेट एक अत्यावश्यक सेवा बन चुकी है।
जिस प्रकार पहले जल और विद्युत को जीवन की आवश्यक सेवाओं में गिना जाता था, उसी प्रकार आज इंटरनेट का महत्व भी बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि जैसे विद्युत सेवाओं के बिना कोई भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं चल सकता था और बैटरी-सोलर सिस्टम के विकल्प की खोज की गई, वैसे ही इंटरनेट बंद करने का भी कोई अन्य विकल्प तलाशा जाना चाहिए।