जमशेदपुर, 21 मार्च 2024: टाटा स्टील फाउंडेशन की अर्बन सर्विसेज इकाई द्वारा आयोजित नृत्य-बसंत: नृत्य महोत्सव -2024 का भव्य समापन 21 मार्च 2024 को सोनारी सामुदायिक केंद्र में हुआ। यह तीन दिवसीय उत्सव भारतीय शास्त्रीय, अर्ध-शास्त्रीय, लोक और बॉलीवुड नृत्य शैली पर प्रस्तुतियों का एक अद्भुत संगम था।
इस उत्सव में 65 टीमों से 630 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें बस्ती इलाकों में रहने वाली लड़कियों, लड़कों और महिलाओं ने भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। मस्ती की पाठशाला (एमकेपी) के छात्र-छात्राओं ने भी उत्सव में भाग लिया और अपनी छिपी हुई प्रतिभा को नृत्य के माध्यम से प्रदर्शित किया।
उत्सव का उद्देश्य:
- कला का संरक्षण और संवर्धन: भारतीय शास्त्रीय और समकालीन नृत्य रूपों को संरक्षित और बढ़ावा देना।
- प्रतिभा को पहचान: बच्चों, महिलाओं और युवाओं में छिपी हुई प्रतिभा को पहचानने और उन्हें प्रोत्साहन देना।
- आत्मविश्वास का निर्माण: प्रतिभागियों में आत्मविश्वास और आत्म-अभिव्यक्ति का निर्माण करना।
- सामाजिक समावेश: सभी पीढ़ी के लोगों को एक मंच पर लाना और सामाजिक समावेश को बढ़ावा देना।
कार्यक्रम:
- विभिन्न नृत्य शैलियों पर प्रस्तुतियां: भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी, कथकली, मणिपुरी, कुचिपुड़ी, लोक नृत्य, बॉलीवुड नृत्य आदि।
- प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा कार्यशालाएं: प्रतिभागियों को अपनी कला को बेहतर बनाने का अवसर प्रदान करने के लिए।
- सम्मान और पुरस्कार: उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मान और पुरस्कार प्रदान किए गए।
उत्सव का प्रभाव:
- प्रतिभाओं को प्रोत्साहन: नृत्य-बसंत ने कई प्रतिभाशाली कलाकारों को अपनी कला का प्रदर्शन करने का मंच प्रदान किया।
- कला के प्रति रुचि में वृद्धि: उत्सव ने लोगों में भारतीय नृत्य कलाओं के प्रति रुचि बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- सामाजिक समावेश: विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों को एक साथ लाकर उत्सव ने सामाजिक समावेश को बढ़ावा दिया।
निष्कर्ष:
नृत्य-बसंत: नृत्य महोत्सव -2024 एक सफल आयोजन था। इसने कला के प्रति लोगों की रुचि बढ़ाने और सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टाटा स्टील फाउंडेशन भविष्य में भी इस तरह के आयोजनों का आयोजन जारी रखेगा।