झारखंड

वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन पर डॉ. अजय कुमार का बड़ा बयान: “राजनीतिक प्रपंच का हिस्सा”

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जमशेदपुर: 15 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी जमशेदपुर में वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन के लिए पहुंच रहे हैं। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम को लेकर पूर्व सांसद और पूर्व आईपीएस अधिकारी डॉ. अजय कुमार ने अपने विचार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर साझा किए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “वंदे भारत ट्रेनों के उद्घाटन समारोह पर अत्यधिक राजनीतिक रंग चढ़ा दिया गया है। यह सब झारखंड विधानसभा चुनाव में जनता को लुभाने के लिए एक राजनीतिक प्रपंच है।”

डॉ. अजय कुमार का यह बयान तेजी से चर्चा का विषय बन गया है, खासकर झारखंड की राजनीतिक गलियारों में। उनके अनुसार, वंदे भारत जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं को चुनावी माहौल में राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना गलत है। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों को राजनीतिक खेल से दूर रखना चाहिए, ताकि जनता का भला हो सके, न कि इसे केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए इस्तेमाल किया जाए।

डॉ. अजय कुमार का बयान और जनता की प्रतिक्रिया:

डॉ. अजय कुमार के इस बयान को जनता के बीच मिश्रित प्रतिक्रियाएँ मिल रही हैं। कुछ लोग इसे सही ठहरा रहे हैं, जबकि कुछ लोग इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से प्रेरित मान रहे हैं।

क्या वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन वास्तव में राजनीतिक रंग का शिकार है?

इस सवाल के जवाब में, डॉ. अजय कुमार ने अपनी वीडियो के माध्यम से जनता से अपील की है कि वे इस मुद्दे को समझें और खुद ही इस पर निर्णय लें। उन्होंने कहा कि वंदे भारत जैसी परियोजनाओं का उपयोग राजनीति के लिए नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे राष्ट्र की प्रगति के लिए समर्पित किया जाना चाहिए।

वीडियो देखें और अपनी राय साझा करें:

डॉ. अजय कुमार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस विषय पर एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें उन्होंने अपने विचारों को और विस्तार से समझाया है। आप वीडियो देखकर इस मुद्दे पर अपनी राय बना सकते हैं और यह समझ सकते हैं कि क्या वाकई में वंदे भारत का उद्घाटन केवल एक राजनीतिक कदम है, या इसके पीछे विकास की असली मंशा है।

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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर उन्होंने लिखा : 

15 सितंबर को वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन के लिए पीएम मोदी जी जमशेदपुर आ रहे हैं.

जमशेदपुर में उनके ‘इवेंट मैनेजमेंट’ पर मेरे विचार;

1.
👉एक तरफ उद्घाटन पे उद्घाटन दूसरे तरफ ‘हादसे पर हादसे;

👉वंदे भारत ट्रेनों के उद्घाटन कार्यक्रमों पर ज्यादा राजनीतिक रंग चढ़ गया है;

👉वंदे भारत से पहले शताब्दी, दूरंतो और गरीब रथ समेत कई ट्रेनें के समय इतने महंगे इवेंट मैनेजमेंट’ कार्यक्रम कार्यक्रम नहीं हुए;

👉2% रूट पर ही कवच, देश में 13 दिन में हुए 8 रेल हादसे;

👉वैसे तो जब आप रेल टिकट लेते हैं तो उस पर दाईं और बाईं तरफ बड़े-बड़े अक्षरों में हिंदी में शुभ यात्रा और अंग्रेजी में Happy Journey लिखा होता है. मगर, हर दूसरे दिन हो रहे रेल हादसों के कारण रेलवे में यात्रा के शुभ होने की कोई गारंटी नहीं रह गयी है;

2.
✔️हेमन्त बिस्वा सरमा झारखंड आ कर आदिवासी प्रेम का दिखावा कर रहे हैं……. क्यों?👇

👉लेकिन सच्चाई यह है कि झारखंड में सबसे ज्यादा शासन करने वाली भाजपा ने हमेशा आदिवासियों और कुड़मी को ठगने का काम किया है. भाजपा को यह बताना चाहिए की आदिवासियों की जमीन को लुटने के लिए अंग्रेजों के बनाए कानून सीएनटी एवं एसपीटी एक्ट में संशोधन करने का प्रयास किसके द्रारा किया गया था?

👉भाजपा के तत्कालिन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा के द्वारा छह जून 2011 को सीएनटी एवं एसपीटी एक्ट में संशोधन के लिए भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव एनएन पांडेय ने इस बाबत प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिए भेजा था.

👉वहीं रघुवर दास सरकार के द्वारा 26 जून 2017 को सीएनटी – एसपीटी एक्ट में संशोधान करने का प्रस्ताव राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू की सहमति के लिए भेजा गया था. जिसे राज्यपाल ने सरकार को वापस लौटा दिया था.

👉कांग्रेस-झामुमो सरकार द्वारा आदिवासियों के धार्मिक एवं सांस्कृतिक आजादी का प्रतिक सरना धर्म कोड से संबंधित विधेयक मंत्रीमंडल से पास कर मोदी सरकार को भेजा गया, लेकिन आदिवासियों की हितैषी बनने वाली भाजपा द्वारा सरना धर्म कोड को अब तक लागू नहीं करना उनके आदिवासी विरोधी होने का प्रमाण है.

👉2024 के लोकसभा चुनाव में आदिवासी एवं मुलवासियों ने भाजपा को नाकार दिया. जिसके कारण सभी आदिवासी सीट पर भाजपा की करारी हार हुई.

यही कारण है कि बीजेपी अब आदिवासियों की हितैषी बनने का ठोंग कर रही है और मोदी जी मणिपुर ना जा कर झारखंड आ रहे हैं.

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