झारखंड

मुख्यमंत्री कायाकल्प योजना का शुभारंभ, झारखण्ड के स्वास्थ्य संस्थाओं को अनटाइड फंड के रूप में मिलेंगे 112 करोड़ रुपये।

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रांची : राज्य गुणवत्ता कोषांग के अंतर्गत एनक्वास, कायाकल्प, लक्ष्य तथा मुस्कान कार्यक्रम के प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार वितरण समारोह की अध्यक्षता श्री बन्ना गुप्ता, माननीय मंत्री, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग सह खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के द्वारा किया गया। उन्होने पुस्तिकाओं – 1. एनक्वास – आईपीएचएल 2024, 2. रिवाईज कायाकल्प मार्गदर्शिका 2024 तथा एआई पावर्ड स्मार्ट स्कोप, सवाईकल कैंसर स्क्रीनिंग का लोकार्पण किया तथा इसके प्रचार-प्रसार हेतु पोस्टर का भी विमोचन किया।
माननीय मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पुरस्कार और अवार्ड, कार्य करने हेतु प्रोत्साहित करने हेतु प्रदान की जा रही है। अस्पताल का वातावरण इतना स्वच्छ हो कि वहां आने वाले व्यक्ति अस्पताल में इलाज कराने में संकोच न करें। हमारा यह लक्ष्य होना चाहिए कि अस्पताल में मरीज का इलाज के साथ -साथ इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि मरीज और उनके अभिभावक तथा परिजन अस्पताल से संक्रमण ले कर वापस नहीं जाए। सफाई के साथ-साथ सभी सुविधाओं की उपलब्धता के साथ गुणवत्तापूर्ण इलाज की भी व्यवस्था होनी चाहिए।
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माननीय मंत्री के द्वारा मुख्यमंत्री कायाकल्प योजना की घोषणा की गई, जिसके अंतर्गत मंत्री परिषद की स्वीकृति के पश्चात विजेता अस्पतालों को प्रति बेड 11,000/-रू0 दिया जाएगा, जबकि एनक्वास के अंतर्गत भारत सरकार के द्वारा मात्र 10,000 की राशि प्रति बेड निर्धारित है। यूपीएचसी/पीएचसी हेतु 2.5 लाख, सीएचसी हेतु 16 लाख की राशि भी देने की बात उनके द्वारा कही गयी। साथ ही विजेता संस्थानों के कर्मियों के बीच वितरित की जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने की बात भी कही गयी।
माननीय मंत्री ने कहा कि इंजीनियरिंग कोषांग के विलोपित होने पर कई परेशानियां होने लगी।
पैसे के अभाव में पानी, साफ-सफाई तथा अन्य आवश्यक सामग्री की आपूर्ति ससमय उपलब्ध नही हो पाती है। इसके लिए हमारी सरकार ने सभी स्वास्थ्य संस्थानो को अनटाईड फंड के रूप में 112 करोड़ की राशि स्वीकृत है। स्वास्थ्य गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता ऐसी होनी चाहिए कि कम से कम लोग प्राईवेट अस्पताल में जाए, यह सुनिश्चित करना है। माननीय मंत्री ने कहा कि रिम्स में यदि बिना पहचान पत्र के कोई भी मरीज रात-बिरात या आपातकाल स्थिति में अस्पताल पहुचते है तो उनके स्वास्थ्य लाभ हेतु अधीक्षक को 50,000/- तक की राशि, निदेशक को 1,00,000/-रू0 तथा विभागीय मंत्री को 1 लाख से उपर तक की राशि की स्वीकृति किया गया है।
उन्होने सख्त निर्देश देते हुए सभी सिविल सर्जन को कहा है कि फर्जी डाटा किसी भी परिस्थिति में क्षमा योग्य नही है, इस तरह के फर्जी डाटा का सभी जिला समीक्षा करेंगे। सर्वाइकल कैंसर हमारे देश की महिलाओं में एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है और उनके जीवन को निरंतर प्रभावित करता आ रहा है। सीमित जाँच सुविधा, जागरूकता, और पहुंच की समस्याओं ने इस रोग के बोझ को बढ़ाया है। प्रसव के पूर्व तथा प्रसव के बाद जांच कराने पर सवाईकल कैंसर की पहचान हो जाती है। उन्होने सदर अस्पताल रांची तथा जमशेदपुर की साफ-सफाई पर खुशी वयक्त की।
झारखंड राज्य के सभी आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य सुरक्षा योजना 2024 शुरू की है। झारखंड राज्य के सभी नागरिक जो आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, उन्हें इस योजना के तहत स्वास्थ्य सेवा का लाभ मिलेगा। इस योजना की मदद से झारखंड राज्य के सभी आर्थिक रूप से अस्थिर नागरिक वित्तीय परेशानियों की चिंता किए बिना उचित स्वास्थ्य सुविधाएँ प्राप्त कर सकते हैं।
श्री अजय कुमार सिंह, प्रधान सचिव, स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कुल 65 स्वास्थ्य संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाण प्रत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें 3 जिला अस्पताल, 1 प्राथमिक स्वास्थ केंन्द्र एवं 61 आयुष्मान आरोग्य मंदिर है। वर्ष 2024-25 में राज्य स्तर पर एनक्वास सर्टिफिकेशन हेतु 339 स्वास्थ्य संस्थानों को स्टेट लेवल एसेसमेंट किया जा रहा है जो सितम्बर 2024 के अंत तक पूर्ण कर ली जाएगी। इसके उपर्रात विजेता संस्थानों को नेशनल सर्टिफिकेशन हेतु प्रस्तावित किया जाएगा। उन्होने कहा कि जितना अनटाईड फंड झारखण्ड के स्वास्थ्य संस्थानों को मिलता है उतना अनटाईड फंड देश के किसी भी राज्य को नही मिलता है, जो कि सरकार का एक ऐतिहासिक कदम है।
झारखण्ड देश का पहला राज्य होगा जहां सरकारी अस्पताल में प्राईवेट विशेषज्ञ/अति विशेषज्ञ डाॅक्टर/चिकित्सक की सेवा ली जाएगी। उन्होने कहा कि पहले रिम्स में इलाज के लिए सिफारिश होती थी लेकिन अब सदर अस्पताल, रांची में एनक्वास सर्टिफिकेशन एवं गुणवत्ता में सुधार के फलस्वरूप मरीजों की संख्या बहुत बढ़ी है, एवं अब सदर अस्पताल, रांची के लिए भी सिफारिशें हो रही है। लोगों को यह विश्वास दिलाना है कि सरकारी अस्पताल, गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रही है। 15 नवंबर के पूर्व सभी जिला अस्पताल छोटे मोटे आॅपरेशन हेतु किसी भी अन्य अस्पताल को रेफर नही करेंगे, ऐसी व्यवस्था सुदृढ़ करने का निदेश दिया गया। उन्होने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि लक्ष्य के अनुरूप ससमय कार्यो को करते हुए शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करना है।
अबु इमरान, अभियान निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, झारखण्ड ने कहा कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों में एनक्वास, कायाकल्प, लक्ष्य और मुस्कान के मापदण्डों को पूर्ण करने का प्रयास करें ताकि अपने राज्य के स्वास्थ्य सुविधाओं में गुणवत्तापूर्ण सुधार हो एवं लोगों को सभी सुविधा युक्त इलाज मिल सके। इस पहल का उद्देश्य सभी जनस्वास्थ्य सुविधाओं को विशिष्ट मानकों को प्राप्त करने की दिशा में प्रोत्साहित करना और स्वास्थ्य सुविधाए स्वच्छ और स्वास्थ्य वर्धक बनाना है। इस पहल के तहत, जनस्वास्थ्य सुविधाओं को पुरस्कृत किया जाना है।
मौके पर श्री सी के शाही, निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं, डाॅ0 रंजीत प्रसाद, राज्य नोडल पदाधिकारी, गुणवत्ता कोषांग, डाॅ0 लाल मांझी, नोडल पदाधिकारी, आई.ई.सी. कोषांग, डाॅ0 प्रियंका सिंह, एनपीओ, डबल्यूएचओ, श्री आनंद यादव, सलाहकार, गुणवत्ता कोषांग, भारत सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग के निदेशक, उपनिदेशक और समन्वयक/परामर्शी, राज्य गुणवत्ता परामर्शी एवं अन्य पदाधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
प्रतिभागी के रूप में सभी जिलों के सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, डीपीएम, डेम, एचएम, डीक्यूएसी, सीएचओ ने भाग लिया।

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