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AIDYO युवा संगठन के द्वारा भारत की आजादी के प्रथम विद्रोह के अमर शहीद सिद्धू, कान्हु हुल क्रांति दिवस मनाया गया।

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Adityapur : बृहस्पतिवार 30 जून, 2022

ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक यूथ ऑर्गेनाइजेशन सरायकेला खरसावां जिला कमेटी की ओर से कुलूपटांगा बस्ती स्थित डीप बोरिंग के समीप हूल दिवस मनाया गया। सर्वप्रथम सिद्धू, कान्हु के तस्वीर पर सरायकेला खरसावां जिला कमेटी सचिव देवा मुखी के द्वारा माल्यार्पण किया गया तथा वहां उपस्थित सभी साथियों के द्वारा पुष्पांजलि अर्पित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन राजू कुमार के द्वारा किया गया तत्पश्चात वक्ता के रूप में सरायकेला खरसावां जिला सचिव देवा मुखी ने अपने वक्तव्य में कहा कि सिद्धू कान्हु अंग्रेजो के खिलाफ तो लड़ाई की है। साथ ही साथ उस समय सूदखोर महाजन_ पुलिस_ जमींदारो के अत्याचारों से भी लड़ना पड़ा था।

बारिश के दिनों में गरीब संस्थानों के घर में अनाज का अभाव हो जाता था। ऐसे में उन्हें महाजनों के सामने हाथ फैलाना ही पड़ता था, महाजन कर्ज तो देते थे। लेकिन गरीब आदिवासी लोग इसे कभी चुका नहीं पाते थे। अनपढ़ सहज सरल भोले-भाले आदिवासियों को शुद्ध का कोई ज्ञान नहीं था गरीब संथालो से महाजन 50 से 500 फ़ीसदी ब्याज वसूलते थे, अगर कोई संथाल शुद्ध का पैसा नहीं दे पाता था, तो उनके खेत जमीन गाय, बकरी, घर सब महाजन छीन लिया करते थे। 

जब वे आदिवासियों की फसल खरीदते थे, तो ऐसे बटखरो का प्रयोग करते थे, जिनका वजन ज्यादा होता था बेचते समय अथवा कर्ज देते समय वह कम वजन वाले बटखरो का प्रयोग करते थे। बहुत सारे जमीदार संथालो से जबरन नील की खेती करवाते थे, नील की खेती करने से खेतों की उर्वरा शक्ति समाप्त हो जाती थी वहां बाद में कुछ उपजाना मुश्किल हो जाता था। इसलिए संथाल लोग कहते थे, जमीन का दुश्मन नील, काम का दुश्मन नील।

आज के कार्यक्रम को सफल बनाने में राहुल, शिबू ,बीरबल कुमार, गुमान सरदार,राजू तंतुभाई, बजरंग, रोहन, करन बीरबल आदि शामिल थे।

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