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इंडियन इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग (IIIE) का 66वां राष्ट्रीय अधिवेशन और 8वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ संपन्न

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जमशेदपुर: इंडियन इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग (IIIE) का 66वां राष्ट्रीय अधिवेशन और 8वां अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन 27 और 28 सितंबर को जमशेदपुर में आयोजित हुआ।

अधिवेशन की थीम थी “नवाचार और एआई-सक्षम सतत विकास: औद्योगिक अभियंताओं की भूमिकाएं,” जिसके तहत विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और उद्योग जगत के दिग्गजों ने एक मंच पर आकर औद्योगिक अभियंताओं की सतत विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका पर गहन चर्चा की।

सम्मेलन की शुरुआत उद्घाटन सत्र से हुई, जिसमें प्रमुख वक्ताओं के रूप में डॉ. अमिया कुमार बेहरा (चेयरमैन, आई आई आई ई, एन सी), चाणक्य चौधरी (वाइस प्रेसिडेंट, कॉर्पोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील), कृष्णन अय्यर (प्रेसिडेंट एवं सीओओ, भारत फोर्ज), एस गोपालकृष्णन (आईएएस, डायरेक्टर जनरल, एनपीसी) और एस के बेहरा (चेयरमैन, सीआईआई पूर्वी क्षेत्र एवं एमडी, आरएसबी ट्रांसमिशंस) ने अपने विचार साझा किए। इसके बाद आई.आई.आई.ई नेशनल हेडक्वार्टर अवार्ड समारोह आयोजित हुआ, जहां वक्ताओं ने एआई-संचालित सस्टेनेबिलिटी समाधान, नवीकरणीय ऊर्जा में नवाचार, सर्कुलर इकोनॉमी, इंडस्ट्री 4.0, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, सस्टेनेबल सप्लाई चेन मैनेजमेंट और पर्यावरणीय सस्टेनेबिलिटी के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे विषयों पर प्रकाश डाला।

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27 सितंबर को उद्घाटन समारोह के बाद तीन लगातार सत्र आयोजित किए गए, जिनमें प्रौद्योगिकी के माध्यम से सस्टेनेबल भविष्य का निर्माण, दक्षता और सस्टेनेबिलिटी के बीच संतुलन, और नवाचार एवं सस्टेनेबिलिटी को एकीकृत कर एक सुदृढ़ कल की दिशा में काम करने जैसे विषयों पर केंद्रित चर्चा हुई। इन सत्रों के मुख्य वक्ताओं में डीआरडीओ, आईएसबी, हैदराबाद, मैकिन्से एंड कंपनी, टीवीएस मोटर्स, बीसीजी एक्स, डेलॉइट, यूनिवर्सिटी ऑफ पिट्सबर्ग और जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी जैसे प्रतिष्ठित संगठनों के विशेषज्ञ शामिल थे। उन्होंने ब्लॉकचेन, आईओटी, 5जी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों की भूमिका, आपदा प्रतिक्रिया में एआई की क्षमता, डिजिटल साक्षरता और एआई शिक्षा के महत्व, और एआई विकास टीमों में विविधता और समावेशन की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस आयोजन में इनोवेशन और सस्टेनेबिलिटी के एकीकरण पर एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई, जिसमें टाटा स्टील, ईवाई और मैरिबस सोलर प्राइवेट लिमिटेड के पैनलिस्टों ने भाग लिया। उन्होंने रेजिलिएंस और सस्टेनेबिलिटी को परिभाषित करने, चुनौतियों और अवसरों, उद्योग-विशिष्ट समाधान, नीतियों और विनियमों, और जनसंपर्क एवं शिक्षा जैसे विषयों पर गहन चर्चा की।

सम्मेलन का समापन गरिमामय विदाई समारोह के साथ हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में रविंद्र कुलकर्णी (हेड – जमशेदपुर प्लांट, टाटा मोटर्स लिमिटेड) और प्रो. आलोक राज (असिस्टेंट प्रोफेसर, एक्सएलआरआई जमशेदपुर) ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान 40 से अधिक प्रतिष्ठित संस्थानों और संगठनों ने अपने नवाचार और उत्पादकता से जुड़े लगभग 170 तकनीकी शोध पत्र और केस स्टडीज प्रस्तुत किए। समापन समारोह में उत्कृष्ट शोध पत्रों और केस स्टडीज को पुरस्कृत किया गया।

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