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21 साल बाद मिले गुरु शिष्य, मनाया भावनात्मक शिक्षक दिवस

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सर को गिफ्ट देते 21 वर्ष पूर्व के छात्र

Jamshedpur : सोमवार 6 सितंबर, 2021

गुरु और शिष्य का रिश्ता महान होता है। और यह महानता तब और बढ़ जाती है जब गुरु के दिखाए सच्चे मार्ग पर शिष्य चलते हुए स्वयं का नाम रौशन करते हैं। माँ हर बच्चे की पहली गुरु होती है और पिता दूसरा। 

विद्यालय से लेकर कॉलेज तक शिक्षा ग्रहण करते हुए अनेक शिक्षक हमें किताबी ज्ञान के साथ ही सामाजिक जीवन की भी शिक्षा देते हैं। गुरु का सम्मान आदिकाल से है और अनन्त जीवन तक यह सम्मान रहेगा। प्रत्येक के जीवन में एक ऐसा गुरु जरूर मिलता है जो केवल किताबी ज्ञान ही नही बल्कि आत्मिक ज्ञान और स्नेह देते हुए अपने छात्रों को सच्चे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित भी करते हैं।

बाएं से : जय, अक्षय, रमेश, पंकज, शिक्षक मनोज, बबलू, अनिल, राजू, लखि

आज हम बात करने जा रहे हैं 21 वर्ष बाद मिले गुरु और शिष्यों की। उनसभी शिष्यों ने भावनात्मक शिक्षक दिवस मनाते हुए बचपन की पढ़ाई और पिटाई को याद किया। गुरु को सम्मान देते हुए वे सभी यह जान भावुक हुए की उनकी गलती पर पिटाई करने के बाद शिक्षक स्वयं रोते थे। और छात्रों के मांफी मांगने पर उन्हें गले लगा लिया करते थे।

बता दें कि जिला पूर्वी सिंहभूम के एक शहर मानगो के डिमना रोड में स्थित सोमाया मेमोरियल हाई स्कूल के शिक्षक श्री मनोज कुमार शर्मा उन शिक्षकों की श्रेणी में आते हैं जिनका रिश्ता अपने विद्यार्थियों के प्रति गहरा है।

शिक्षक मनोज कुमार शर्मा 

21 साल पहले सोमाया मेमोरियल हाई स्कूल  से 10वीं पास करने के बाद दिनांक 5 सितंबर, 2021 की संध्या 8 बजे मिले सभी 9 दोस्त बेसब्री से अपने प्रिय गुरुवर श्री मनोज कुमार शर्मा का इंतजार कर रहे थे। उपस्थित आठ दोस्तों में रमेश कुमार शर्मा (बच्चन), लखिचरण लोहरा, जय दास, पंकज कुमार शर्मा, राजू मुंडा, अक्षय कुमार शर्मा (बजरंग), बबलू गोराई और अनिल कुमार मौर्य थे जबकि एक दोस्त राकेश सिंह शहर में नहीं थे बल्कि डिजिटल रूप से वे इस कार्यक्रम में शामिल हुए। सभी दोस्तों ने मिलकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना भरपूर सहयोग दिया। 

एक दूसरे को केक खिलाते शिक्षक और छात्र

आठ बजे शिक्षक श्री मनोज कुमार शर्मा के आते ही सभी दोस्तों ने बारी – बारी उनकी चरणवंदना की। यह देख शिक्षक का मन भावुकता से भर गया, उन्होंने सभी को खुश रहने और जीवन में तरक्की करने का आशीर्वाद दिया।

21 वर्ष बाद हुए इस शिक्षक दिवस का कार्यक्रम डिमना रोड के मून सिटी लाइन में स्थित एक निजी कार्यालय में किया गया। 

सर मनोज शर्मा को लेकर सभी छात्र उस कमरे में ले गए जहां शिक्षक दिवस का कार्यक्रम किया जाना था। सारा कमरा गुब्बारे से सजा हुआ था और सामने एक टेबल पर Happy Teacher’s Day लिखा हुआ लाल रंग का एक केक रखा हुआ था। सभी ने मिलकर सर के आगमन की खुशी में गोल्डन कलर का माला पहनाते हुए उन्हें सम्मानित किया और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने सर के हाथों केक कटवाया। फिर बारी-बारी से सभी ने सर को केक खिलाया और सर ने इस वात्सल्य के लिए अपने सभी विद्यार्थियों को भी केक का टुकड़ा खिलाया।  

बाए से : रमेश, शिक्षक मनोज, जय, अनिल

बता दें कि सर मनोज ने इन सभी को क्लास 7 से 10 तक ही पढ़ाया था। वर्ष 2000 में सभी मैट्रिक की परीक्षा दिए और पास होकर उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज चले गए। लेकिन  सर मनोज के प्रति इनका प्रेम कभी कम नहीं हुआ। मात्र 4 सालों के साथ ने यह अहसास सभी को दिला दिया की 21 साल बाद भी गुरु शिष्य के बीच प्रेम कभी कम नहीं हुआ है।

सर के साथ मिलते ही सभी उन चार सालों में डूब गए। बचपन की पढ़ाई, गलती पर डांट और पिटाई सभी को याद आने लगे। याद आने लगे स्कूल के वे दिन जब कभी सर इन्हें मार कर अकेले में खुद रोया करते थे। और कभी बच्चे मांफी मांगते हुए इनसे लिपट कर रो जाया करते थे। 

सभी दोस्तों ने मिलकर सर को कलम और डायरी देते हुए गुरु शिष्य की प्रथा का मान रखा और एक गिफ्ट भेंट किया। दोस्तों ने मिलकर रात के भोजन की भी व्यवस्था कर रखी थी। सभी ने सर के साथ मिलकर भोजन किया। आज के इस स्वर्णिम पल को सभी ने अपने मोबाइल के कैमरे से कैप्चर किया। ताकि यह समय दुबारा खत्म न हो जाये और अनन्त समय तक के लिए तस्वीरों में ही सही यह पल हमेशा के लिए कैद हो जाए।

शिक्षक दिवस मनाते विद्यार्थी और शिक्षक

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