झारखंड

1984 में श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के पश्चात देश में सिख विरोधी दंगे हुए थे, जिससे झारखण्ड राज्य का सिख समुदाय भी अछूता नहीं रहा था – सरयू राय

Published

on

THE NEWS FRAME

जमशेदपुर  |  झारखण्ड

1984 में श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के पश्चात देश में सिख विरोधी दंगे हुए थे, जिससे झारखण्ड राज्य का सिख समुदाय भी अछूता नहीं रहा था। मुख्य रूप से पलामू, राँची, बोकारो, हजारीबाग, धनबाद, जमशेदपुर आदि जिलों में सिखों के विरूद्ध भारी हिंसा हुई थी। पीड़ित सिख परिवारों को पिछली सरकारों की उदासीनता और अधिकारियों द्वारा उत्पन्न बाधाओं के कारण अभीतक न्याय नहीं मिल सका है और वे मुआवजे से भी वंचित हैं। इस विषय को जमशेदपुर के सतनाम सिंह गंभीर ने रिट याचिका के माध्यम से झारखण्ड उच्चन्यायालय में रखा। माननीय न्यायाधीश ने एक सदस्यीय जाँच आयोग का गठन किया। 2016 में यह आयोग गठित हुआ और सात साल में मात्र 41 लोगों को ही मुआवजा देने का अनुशंसा किया। आयोग ने कई स्थलों का भ्रमण भी नहीं किया। इस विषय को जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने शून्यकाल में उठाया और कहा कि इस घटना के लगभग 40 साल बीत जाने के बाद भी पीड़ित सिख परिवारों को मुआवजा नहीं मिलने और न्याय नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सरकार से दंगा पीड़ित सिख परिवार को त्वरित न्याय/मुआवजा देने की मांग सदन के माध्यम से किया। माननीय विधानसभा अध्यक्ष का नियमन हुआ कि इस मामले को संबंधित विभाग में भेज दिया जाय और वह विभाग इस मामले में त्वरित कार्रवाई करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version