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14 मुजरिम, 1 की मौत, 4 को आजीवन कारावास, 9 को फांसी : फैसला बिहार के गोपालगंज का शराबकांड।

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गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज की यह चर्चित घटना खजुरबानी शराब कांड के नाम से जाना जाता है।  द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष उत्पाद न्यायाधीश लवकुश कुमार की अदालत ने शुक्रवार दिनांक 5 मार्च 2021 को इस चर्चित कांड का फैसला आखिर  सुना ही दिया। कुल 14 दोषियों में से 10 पुरुष और 4 महिलाएं शामिल हैं। जिनमें 9 पुरुषों को फांसी और 4 महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। इनमें एक की ट्रायल के दौरान ही मौत हो गई थी।

इस घटना ने कुल 19 परिवारों को खत्म कर दिया था। आपको बताते हैं कि यह घटना गोपालगंज के खजुरबानी क्षेत्र के वार्ड संख्या 25 में घटी थी। 

वर्ष 2016, 15 अगस्त की वह काली रात जिसने 19 लोगों की सांसें हमेशा के लिए बंद कर दी और 6 लोगों की आंखों की रोशनी छीन ली थी। वजह सिर्फ जहरीली शराब का इस्तेमाल करना था। बता दें कि उस रात खजुरबानी मोहल्ले में जहरीली शराब पीने के बाद अचानक से लोगों की तबीयत खराब होने लगी और दूसरे दिन 16 अगस्त की सुबह कुछ की मौत हो गई। शाम होते-होते 19 लोगों की मौत हो चुकी थी।

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इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और सरकारी अधिकारियों में हड़कंप मच गई। पुलिस ने 16 अगस्त की रात में ही खजुरबानी मोहल्ले में छापेमारी कर भारी मात्रा में जहरीली शराब बरामद की गई। वहीं अवैध शराब माफियाओं के घरों पर भी छापा मारा गया।  जहां से नकली शराबों का जखीरा बरामद हुआ था। तत्कालीन थानाध्यक्ष बीपी आलोक के बयान पर नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। जिसमें खजुरबानी के वार्ड नंबर 25 के  रहने वाले लालबाबू पासी, सनोज पासी,  राजेश पासी, छठू पासी, ग्रहण पासी, कन्हैया पासी, नगीना पासी, संजय चौधरी, रंजय चौधरी, मुन्ना चौधरी, लालझरी देवी, कैलाशो देवी, रीता देवी और इंदु देवी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।  इस मामले में पुलिस की ओर से ही आरोप पत्र दाखिल किया गया। जिसके बाद सुनवाई आरम्भ हुई।  ट्रायल के दौरान ही एक अभियुक्त ग्रहण पासी की मौत हो गई। शेष सभी 13 दोषियों के विरुद्ध सुनवाई चल रही थी। 

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खजुरबानी मोहल्ले से जो शराब बरामद हुई थी उसकी फॉरेंसिक जांच की गई। जांच में पाया गया कि शराब में मिथाइल है। इसके बाद पुलिस ने इसी को आधार बनाकर अदालत में आरोप पत्र समर्पित किया था। विशेष लोक अभियोजक (उत्पाद) रविभूषण श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष से कुल 7 गवाहों की गवाही ली गई। तमाम सबूतों और गवाहों के आधार पर अदालत ने नौ को फांसी और चार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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