झारखंड
135वीं अंबेडकर जयंती पर गाजुड़ संस्था द्वारा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
अंबेडकर जयंती : भारत रत्न, संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के अग्रदूत डॉ. भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर गाजुड़ संस्था के संस्थापक एवं एलआईसी से सेवानिवृत्त अधिकारी श्री जन्मेजय सरदार के आवास पर एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर शिक्षाविदों एवं समाजसेवियों ने बाबा साहब को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और उनके विचारों को स्मरण किया।
डॉ. अंबेडकर की शिक्षाएं आज भी देश और समाज को नई दिशा देती हैं। उन्होंने हमेशा शिक्षा, संगठन और संघर्ष को जीवन का मूल मंत्र बताया। इस अवसर पर उनके प्रेरणादायी विचारों को भी साझा किया गया:
- शिक्षा से ही बदलेगा जीवन
- किताबें बनें जीवन की दोस्त
- समय का सदुपयोग करें
- असफलता को सफलता में बदलें
- व्यक्ति अपने कर्म से महान बनता है
- यदि योग्यता हो, तो विरोधी भी सम्मान करते हैं
सभा में वक्ताओं ने कहा कि जब भी डॉ. भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है, तब संविधान, सामाजिक समानता और न्याय की भावना मन में जागृत हो जाती है। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को शब्दों में बांधना सूर्य को दीपक दिखाने जैसा है।
जयंती समारोह का उद्देश्य केवल स्मरण मात्र नहीं, बल्कि उनकी विचारधारा को जीवन में उतारने का संकल्प लेना भी है।
Read More : “रेप और खामोशी का अंत : तीस साल की लंबी लड़ाई” – एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी