झारखंड

⚖️ जमशेदपुर में विधि संबंधी समीक्षा बैठक आयोजित, लंबित वादों के शीघ्र निपटारे पर जोर

Published

on

🔹 उपायुक्त अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में न्यायालयों में लंबित मामलों की गहन समीक्षा

🔹 क्रिमिनल, POCSO, SC-ST, सिविल और अवमानना मामलों के शीघ्र निष्पादन हेतु निर्देश

🔹 संबंधित विभागों को तथ्यात्मक विवरण समय पर प्रस्तुत करने का आदेश

जमशेदपुर : जिले में न्यायिक प्रक्रिया को अधिक प्रभावशाली एवं त्वरित बनाने के उद्देश्य से जिला दण्डाधिकारी सह उपायुक्त श्री अनन्य मित्तल की अध्यक्षता में विधि से संबंधित समीक्षा बैठक समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित की गई।

बैठक में उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय, सिविल कोर्ट और अन्य न्यायालयों में लंबित वादों की स्थिति की व्यापक समीक्षा की गई।

🏛️ प्रमुख मुद्दों पर केंद्रित रही बैठक

बैठक में जिन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई, उनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • क्रिमिनल केस
  • POCSO (बाल यौन उत्पीड़न) से संबंधित मामले
  • SC-ST एक्ट के अंतर्गत दर्ज वाद
  • सिविल केस
  • अवमानना याचिकाएं (Contempt Cases)

इन सभी मामलों की लंबित स्थिति का समग्र मूल्यांकन किया गया। उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि लंबित वादों के शीघ्र निष्पादन के लिए विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुए ठोस कार्रवाई की जाए।

Read More :  पूर्वी सिंहभूम में अवैध खनन पर कसा शिकंजा, टास्क फोर्स की बैठक में सख्त निर्देश

📜 अपील दायर करने के प्रस्ताव को स्वीकृति

बैठक के दौरान लोक अभियोजक द्वारा प्रस्तुत एक अपील प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया। निर्णय लिया गया कि इस अपील को उच्च न्यायालय में दायर किया जाएगा। साथ ही, जिन मामलों में लोअर कोर्ट द्वारा निर्णय दिया जा चुका है, उन पर अपील की संभावनाओं की समीक्षा कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा गया।

🗂️ विभागवार समीक्षा और तथ्य प्रस्तुत करने के निर्देश

बैठक में विभिन्न विभागों के लंबित मामलों की अद्यतन स्थिति पर चर्चा की गई। संबंधित विभागों को निर्देशित किया गया कि वे अपने मामलों के विस्तृत तथ्य और विवरणी समय पर उपायुक्त कार्यालय को सौंपें, जिससे किसी भी देरी से बचा जा सके और लंबित वादों का समुचित एवं शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जा सके।

👥 बैठक में उपस्थित रहे प्रमुख अधिकारी

इस महत्वपूर्ण बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री किशोर कौशल, जी.पी. (गवर्नमेंट प्लीडर), लोक अभियोजक, सहायक लोक अभियोजक, विधि शाखा प्रभारी तथा अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे।

प्रशासन का संदेश स्पष्ट:

“लंबित वादों का त्वरित निष्पादन न्यायिक प्रक्रिया की साख और आम जनता के विश्वास को बनाए रखने हेतु अनिवार्य है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Trending

Exit mobile version