झारखंड

स्कूलों में चलने वाले सभी प्रकार के निजी स्कूली वाहनों में बच्चों की हो रही ओवर लोडिंग, ज्यादा बच्चे बैठाने वाले निजी स्कूली वाहन चालक पर होगी कारवाई।

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जमशेदपुर  |  झारखण्ड 

जमशेदपुर के निजी स्कूलों में चलने वाले सभी प्रकार के निजी स्कूली वाहनों में बच्चों की हो रही ओवर लोडिंग की जांच एवं तय मापदंड से ज्यादा बच्चे बैठाने वाले निजी स्कूली वाहन चालक पर कारवाई एवं भाड़ा निर्धारण कमेटी का गठन करने की मांग के संबंध में जमशेदपुर अभिभावक संघ ने जिला उपायुक्त को लिखा पत्र। 

जमशेदपुर के निजी स्कूलों में चलने वाले सभी प्रकार के निजी स्कूली वाहनों में लगातार बच्चों की ओवर लोडिंग जारी है। नतीजा चलती स्कूली वाहन से बच्चा गिर जाता है पर वाहन चालक को इसकी जानकारी नहीं हो पाती। पिछले एक सप्ताह में बच्चे के गिरने और स्कूली टेंपो पलटने की लगातार दो घटनाएं हो चुकी है जिसमें बच्चे घायल हुए। 

माननीय सर्वोच्च न्यायालय के रिट पिटीशन 13029/1985 व झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण द्वारा अगस्त 2011 को जारी आदेश कि निजी स्कूल प्रबंधनों को अपने स्कूल के बच्चों को घार से  स्कूल सुरक्षित आने जाने के लिए स्कूल बस का संचालन करना है पर शहर के अधिकतर निजी स्कूल प्रबंधन द्वारा बस का संचालन न कर लगातार आदेश की अवमानना करते रहे हैं ऐसे में खामिया‌जा बच्चों को दुर्घटना, ड्राइवर द्वारा, छात्राओं के साथ छेड़‌छाड़ और बलात्कार जैसी घटनाओं का सामना कर भुगतना पड़ता रहा है।

सभी प्रकार के निजी स्कूली वाहनों में बच्चों को बैठाने की कैपासिटी पूर्व से निर्धारित किए गए है। 

1) पेट्रोल टेंपो मे -5, 

2) डीजल टेंपों में 8,  

3) वैन में – 10 से 12, 

4) मिनी बस में -28 से 30 

5) बड़ी बस में – 45, 

सभी कैपासिटी ड्राइवर बच्चों समेत है। इससे ज्यादा बच्चे नही बैठाने हैं।

जब भी जिला प्रशासन का ओवर लोडिंग पर चेकिंग अभियान चलता है तो फिर निजी स्कूली वाहन चालक बच्चा कम होने पर नुकसान होने का रोना रो अभिभावकों से पैसे बढ़‌वा लेते है और जैसे चेकिंग अभियान ढीली होती है फिर से ओवर लोडिंग जारी हो जाता है पर भाड़ा बढ़ी हुई वसूलते है, ऐसे अभिभावकों को भाड़ा ज्यादा देने के बाद भी बच्चे असुरक्षित स्कूल जाते हैं।

जमशेदपुर अभिभावक संघ आपसे सादर मांग करता है कि जमशेदपुर के निजी स्कूलों में चलने वाले स्कूली वाहनों में ओवर लोडिंग को जाँच की जाये, ओवर लोडिंग करने वाले चालक पर कारवाई एक भाड़ा बढ़ाने पर रोक लगाने हेतु शिक्षा न्यायाधिकरण झारखंड के आदेशानुसार शुल्क निधारण करने का आदेश देने की कृपा करें। 

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