बीमारियों की दुनियां में फंगस भी बड़े अजीब है रंग और रूप बदल-बदल कर हर बार इंसानों को परेशान करने आ जाते हैं। एक ओर जहां कोरोना से निपटने में लगे हैं तो वहीं इन फंगसों ने भी अपना साम्रज्य फैलाना स्टार्ट कर दिया है। ढ़ेर सारे अखबार और मीडिया में पढ़ते और देखते आये हैं कि आ गया कोरोना के बाद ब्लैक फंगस, फिर आया वाइट उसके बाद यलो और अब आया एक नया फंगल इंफेक्शन – एस्परगिलोसिस (Aspergillosis).
यह खबर देश के गुजरात राज्य से आई है जहां इस तरह का फंगस पाया गया है। बता दें कि गुजरात राज्य में वड़ोदरा के डॉक्टर्स के सामने यह फंगल इंफेक्शन नजर आया है।
इस जानलेवा महामारी कोरोना वायरस से जंग अभी जारी है। आपको बता दें कि आज की तारीख में भारत में कोरोना के कुल केस 2.76 करोड़ है। जिसमें 2.49 करोड़ लोग रिकवर हुए और 3.19 लाख लोगों की मृत्यु हुई है। लेकिन उसी बीच में फंगल इंफेक्शन्स आकर हमारी चिंताएं और भी बढ़ा रही है।
ब्लैक फंगस के लगभग 11000 मामले सामने आये हैं। बता दें की ब्लैक फंगस का पहला मामला महाराष्ट्र से ही आया था। और अब सबसे अधिक प्रभावित राज्यों में महाराष्ट्र एवं गुजरात है। गुजरात में भी इस फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जांच के क्रम में गुजरात, वड़ोदरा के डॉक्टर्स के सामने एक नया फंगस एस्परगिलोसिस (Aspergillosis) पाया गया है। गुरुवार यानी 27 मई को जांच के क्रम में वड़ोदरा में 262 नए मामले ब्लैक फंगस के और 8 मामले एस्परगिलोसिस के पाए गए।
हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो कोरोना से ठीक हुए लोगों में इस तरह के फंगल इंफेक्शन जो दिख रहे हैं उसके पीछे अधिक स्टेरॉयड्स मेडिसिन का इस्तेमाल भी हो सकता है। ऑक्सीजन देने के समय हाइड्रेट करने के लिए साफ पानी का प्रयोग नहीं किया जाना है।
क्या है यह एस्परगिलोसिस (Aspergillosis)?
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इन बीमारियों को पैदा करने वाला मोल्ड, फंगस, एस्परगिलस हमारे आसपास ही रहते हैं। खासकर हमारे घर में या हमारे आफिस में। साधारण शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि यह भी फंगस का रिश्तेदार है। ब्लैक फंगस की तरह ही यह भी कोरोना से रिकवर हुए लोगों को अपना शिकार बना रहा है। यह एक प्रकार के मोल्ड यानी कवक के कारण होने वाला संक्रमण ही है। जो मरीज के श्वसन प्रणाली को नुकसान पहुंचाता है। सबसे आश्चर्य की बात यह है कि इससे ग्रसित लोगों के लक्षण भी अलग हो सकते हैं।
यह वायरस सांस के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करता हैं। अच्छी सेहत और मजबूत फेफड़े रहने पर यह नुकसान नहीं पहुंचा पाता है। वहीँ जब कमज़ोर शरीर, कमजोर इम्युनिटी या बीमार फेफड़े मिल जाते हैं तो यह खतरनाक हो जाता है। लेकिन कई एक्सपर्ट का मानना है कि यह ब्लैक फंगल की तरह अधिक खतरनाक नहीं है फिर भी कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए इससे खतरा हो सकता है।
इससे बचने के क्या उपाय है?
सबसे सरल उपाय तो मास्क पहनना ही है। भीड़भाड़ वाले स्थानों पर न जाये। कोरोना से ठीक हुए मरीजों में, कमज़ोर इम्यूनिटी वाले लोगों में और फेफड़े के रोगियों को इसके इन्फेक्शन होने का खतरा अधिक होता है। इसलिए जहां तक हो सके इम्युनिटी बढ़ाने वाली चीजों का सेवन करते रहें।
और अंत में यह बताना अति आवश्यक है कि इस फंगस से घबड़ाने की जरूरत नहीं है। बस ध्यान रखें । ताजा फल और सब्जियों का सेवन करें। इम्युनिटी बढ़ाये। योगासन और कसरत करते रहे।