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सारा काम जिला प्रशासन का तो चंदा क्यों निस्वार्थ सेवा ढकोसला केंद्रीय दुर्गा पूजा कमेटी: सुधीर कुमार पप्पू

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जमशेदपुर। सोनारी शांति सद्भावना समिति के सचिव सह अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने जमशेदपुर दुर्गा पूजा केंद्रीय समिति के पदधारियों को निशाने पर लेते हुए कहा कि सारा काम जिला पुलिस एवं प्रशासन करती है।केंद्रीय समिति के पदधारी बस फोटो खींचने तथा अखबारों में समाचार देने के लिए झूठी वाह-वाही लेते हैं और अपनी पीठ खुद थपथपाते हैं।

उन्होंने केंद्रीय समिति के अध्यक्ष और महासचिव से पूछा है कि वह बताएं कि जनहित में या पूजा समिति के हित में उन्होंने कौन से काम किए हैं जो उल्लेखनीय रहे हैं।

जब किसी तरह का काम नहीं करना है तो नया सदस्य बनने एवं पूजा समिति से तीन हजार रूपए क्यों लिए जाते हैं और लगभग जमशेदपुर में 400 पूजा समिति से वार्षिक सहयोग शुल्क तीन सौ रुपए क्यों लिया जाता है?

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जिला प्रशासन ही घाट की साफ सफाई से लेकर व्यवस्था बनाना और टावर बनाने का काम करता है। केंद्रीय समिति के पद धारी सिर्फ वहां प्रशासन के सामने अपना चेहरा चमकाते हैं, संगठन के नाम पर अपने हित साधते हैं, केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति के सदस्यों की तत्परता नहीं होने के कारण गत वर्ष में बेली बोधन वाला घाट में घटना घट चुकी है। जबकि स्थानीय स्तर पर सारा काम थाना स्तरीय शांति सद्भावना समिति करती है। शांति समिति के पदधारी एवं सदस्य मनोयोग से माँ के श्रद्धालुओं की सेवा करते हैं।

माँ के आगमन से लेकर विजया दशमी तक जिला प्रशासन के पदाधिकारी और पुलिस के जवान दिन रात अहर्निश सेवा में लगे रहते हैं, जिससे माँ के श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो। जबकि केंद्रीय समिति के पदाधिकारी अपने राजनीतिक आका के कहने के अनुसार चलते हैं। और यहां भी दलीय राजनीति से ऊपर नहीं उठते हैं। क्षेत्र में बैठक के वक्त थाना स्तरीय शांति समिति को अनदेखी कर निर्णय लेते हैं एवं केंद्रीय केंद्रीय शांति समिति एवं थाना स्तरीय शांति समिति से भी किसी प्रकार का भी समन्वय स्थापित नहीं किया जाता है।

अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने अध्यक्ष को सलाह दी है कि समितियों एवं श्रद्धालुओं के हित में जितने काम किया जा रहे हैं। उन कामों को सार्वजनिक करें, आय व्यय को भी सार्वजनिक करें और इस प्रकार से चंदा लेने का काम बंद करें। नए सदस्यता एवं वार्षिक सहयोग राशि को लेकर पूर्व अध्यक्ष चंद्रनाथ बनर्जी के द्वारा अपने कार्यकाल में विरोध भी किया गया था। परंतु, अभी वर्तमान केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति की कार्यशैली से असंतुष्ट होकर एक समानांतर केंद्रीय दुर्गा पूजा समिति कार्य कर रही है।

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