कहते हैं काबिल लोगों को दुनियाँ सलाम करती है। ऐसी ही एक कहानी है एक ऐसे शख्स की जो गरीबी और बेरोजगारी को मात देते हुए काबिल बना आज दुनियाँ उसे सलाम करती है।
यह शख्स आंध्र प्रदेश के रायचोटी नगर पालिका (Rayachoty Municipality) के नव-निर्वाचित अध्यक्ष शेख बाशा (Sheik Basha) हैं।
किस्मत कब साथ दे दे कोई नहीं जानता। एक समय था जब शेख बाशा बेरोजगारी से परेशान थे। डिग्रीयां होने के बावजूद शेख बाशा सब्जीयां बेचने को मजबूर थे।
बता दें कि नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए वाइएसआरसीपी (YSRCP) द्वारा उनका चुनाव किया गया है। दिनांक 18 मार्च, गुरुवार के दिन मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इन्हें रायचोटी नगर पालिका का अध्यक्ष चुना।
बता दें कि वाइएसआर कांग्रेस पार्टी ने इन्हें पार्षद पड़ के लिए चुनाव लड़ने का मौका दिया था। रायचोटी नगर पालिका में इस पार्टी को बड़ी जीत मिली। वहीं जब वाइएसआर के अध्यक्ष पद दिए जाने के लिए निर्णय लेना था तब मुख्यमंत्री का ध्यान शेख बाशा को ओर आकर्षित हुआ और उन्होंने शेख बाशा को रायचोटी नगर पालिका का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि वाइएसआर ने राज्य की 86 नगर पालिकाओं/निगमों के चुनाव में से 84 पर जीत हासिल कर ली है। जिसमें से महिलाओं को 60.47 % और पिछड़े समुदायों को 78 % पद दिए गए हैं।
शेख बाशा पढ़े-लिखे और समझदार व्यक्तित्व वाले है। हर बात को बारीकी से समझना इनकी अपनी पहचान है। खबर सुनते ही शेख बाशा बहुत अधिक खुश हुए और मुख्यमंत्री को हृदय से धन्यवाद दिया।उन्होंने बताया कि परिवार पालने के उन्हें सब्जियां बेचनी पड़ीं। डिग्रीयां तो थी पर बेरोजगार थे, ऐसे में कुछ न कुछ तो करना ही था।
फिर उन्होंने बताया कि जीवन दिशा हीन थी। नहीं मालूम था कि आगे क्या करना है। सब्जियां बेचकर परिवार पालना था बस यही मालूम था।
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