झारखंड

शहर में 1008 दीपकों का दीपयज्ञ हुआ सम्पन्न। गौ, गंगा, गुरु, गीता एवम गायत्री को भारतीय संस्कृति का आधार स्तंभ माना गया है।

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जमशेदपुर । झारखंड

नवयुग दल युवा प्रकोष्ठ तथा प्रज्ञा महिला मंडल गायत्री परिवार टाटानगर द्वारा 24 स्थानों पर संकल्पित 9 कुंडीय राष्ट्र जागरण गायत्री महायज्ञ अभियान के अंतर्गत मानगो मून सिटी में एक दिवसीय 9 कुंडीय गायत्री महायज्ञ उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ। शांतिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधि के रूप में युग ऋषि के मानस पुत्रों श्री भुनेश्वर शास्त्री जी, श्री वीर जवाहर जी एवम श्री नीरज विश्वकर्मा जी ने वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्री राम शर्मा आचार्य जी के उद्घोष वाक्य मनुष्य में देवत्व तथा धरती पर स्वर्ग का अवतरण के तत्वबोध से सभी उपस्थित श्रद्धालुओं का  ज्ञानवर्धन किए।आज प्रातः कालीन सत्र में हवन यज्ञ को संपन्न कराते हुए गायत्री एवम यज्ञ के महत्व को बताते हुए कहा की भारतीय संस्कृति में यज्ञ को पिता तथा गायत्री को माता की संज्ञा दी गई है। 

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गौ, गंगा, गुरु, गीता एवम गायत्री को भारतीय संस्कृति का आधार स्तंभ माना गया है। इसलिए हमारे शास्त्रों में जितना गायत्री के विषय में कहा एवम लिखा गया है। उतना अन्य किसी विषय में वर्णन नहीं है। यज्ञ के विषय में सतपथ ब्राह्मण ग्रन्थ में यज्ञ को सर्वश्रेष्ठ कर्म बताया गया है। हमने यज्ञ और गायत्री से अपने को दूर कर लिया है इसलिए नाना प्रकार की विसंगतियां हमें समाज में दिखाई दे रही है। हमें पुनः वापस गायत्री एवम यज्ञ को पुनर्स्थापित करना होगा, इसके लिए गायत्री परिवार पूरे विश्व के कोने कोने में राष्ट्र जागरण का अभियान चला रहा है। शायंकालीन सत्र में 1008 दीपों को प्रज्वलित के दीप यज्ञ संपन्न किया गया। 

आयोजन को सफल बनाने में श्रीमति रेखा शर्मा, अंजू ठाकुर, मंजू उपाध्याय, मीता घोष, गरिमा देवी, गीता भगत, सुशील उपाध्याय, महेश शर्मा, प्रहलाद घोष के साथ महिला मंडल मानगो और नावयुगदल के युवाओं का सराहनीय योगदान रहा।


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