झारखंड

विश्व बाघ दिवस (29 जुलाई) के अवसर पर पलामू टाइगर रिज़र्व (पीटीआर) बेतला की स्थिति सुधारने की कार्य योजना के संबंध में सरयू राय ने मुख्यमंत्री को दिया निवेदन।

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Jamshedpur । Jharkhand 

विश्व बाघ दिवस (29 जुलाई) के अवसर पर पलामू टाइगर रिज़र्व (पीटीआर) बेतला की स्थिति सुधारने की कार्य योजना के संबंध में सरयू राय ने मुख्यमंत्री को दिया निवेदन। इस सम्बन्ध में उन्होंने झारखण्ड राज्य के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन को पत्र लिख कर जानकारी दी, जिसमें उन्होंने लिखा : 

विश्व बाघ दिवस के अवसर पर आज पूरे विश्व में बाघों के वास स्थल को उन्नत करने पर चर्चा हो रही है। आप अवगत हैं कि दुनिया में बाघों की सर्वाधिक संख्या भारत में है। इनके संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये 1 अप्रैल 1973 को प्रोजेक्ट टाइगर का शुभारंभ तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया। 1973-74 में भारत में कुल 9 टाइगर रिज़र्व की स्थापना हुई। झारखण्ड का पलामू टाइगर रिज़र्व इनमें एक था। बाद में दर्जनों टाइगर रिज़र्व देश में बने। देश के नए-पुराने सभी टाइगर रिज़र्व अच्छी स्थिति में है। परन्तु झारखण्ड का पलामू टाइगर रिज़र्व बदहाल है।

लातेहार ज़िला के प्रभारी मंत्री के रूप मंे 01 जून 2016 को मैं पीटीआर गया था। वहाँ के अधिकारियों के साथ बैठक किया तो पता चला कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत बाघ संरक्षण के जितने प्रावधान हैं, उनमें से एक का भी परिपालन पीटीआर में नहीं हो रहा है। अगले दो वर्षों में मैंने पीटीआर में सुधार के लिए तीन बैठकें की। एक बैठक में तत्कालीन वन सचिव श्री सुखदेव सिंह भी उपस्थित हुए। कई प्रक्रियात्मक सुधार हुए। तदुपरांत आपके नेतृत्व में नई सरकार बनी। कोविड आया। सुधारों की गति थम गई। क़रीब एक माह पूर्व मैं पीटीआर गया था। स्थिति अच्छी नहीं लगी। बाघ की उपस्थिति के बारे में संदेह है। ऐसा लगता है अब बाघ यहाँ टूरिस्ट की तरह आते-जाते रहते हैं।

महोदय, आपके ध्यान में लाना चाहता हूँ कि पीटीआर की स्थापना 4 जून 1974 को हुई थी। वर्ष 2023-24 इसकी स्थापना का 50वां वर्ष है, स्वर्ण जयंती वर्ष है। पर न तो वन विभाग में और न ही पीटीआर प्रबंधन में इस बारे में कोई चर्चा है। पीटीआर के स्वर्ण जयंती वर्ष में इसके पुनरुद्धार के लिए एक सुचिंतित कार्य योजना बननी चाहिए। विभागीय मंत्री के नाते इससे आपको अवगत कराने कि लिए यह पत्र इस उम्मीद से आपको लिख रहा हूँ ताकि आप इसका संज्ञान लेंगे, पीटीआर की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करेंगे, एक समय देश का सर्वश्रेष्ठ माना जाने वाला पीटीआर की ऐसी दुर्दशा क्यों हुई और इसका पुनरुद्धार कैसे हो पायेगा इस पर विचार करेंगे।

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