झारखंड

राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कांठा सिंह नहीं रहे।

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जमशेदपुर । झारखंड

राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित कांठा सिंह नहीं रहे। अनाथों के नाथ कहे जाने वाले कांठा सिंह ने दुनियां को अलविदा कह दिया है। 

कौन है कांठा सिंह ?

कांठा सिंह एक ऐसी शख्सियत है जिसे आज पूरा विश्व जानता है। अनाथ बच्चों का सहारा बनकर उन्होंने अपने जीवन को सार्थक कर लिया है। वर्ष 1999 में उन्होंने अनाथ बच्चों को गोद लेना शुरू किया और पूर्वी सिंहभूम जिला के घाटशिला अनुमंडल क्षेत्र के लेदा गांव में एक छोटा सा अनाथालय बनाया। बता दें कि घाटशिला अनुमंडल में वे अनाथों के नाथ के नाम से पहचाने जाते हैं। 

वर्ष 2009 के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने उन्हें सम्मानित करने हेतु दिल्ली बुलाया। 27 नवंबर, 2009 को दिल्ली में उन्हें सम्मानित किया गया। 

उनके साथ उन बच्चों ने भी राष्ट्रपति से मुलाकात की जो अनाथ थे। कांठा सिंह के इस प्रयास की खूब सराहना की गई। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने कांठा के ऐसे प्रयास की खूब सराहना जिसके बाद उन्‍हें पहचान मिलनी शुरू हो गई। फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन, अमीर खान, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर उद्योगपति मुकेश अंबानी समेत कई बड़ी हस्तियों से उन्हें मिलने का सौभाग्य प्राय हुआ। 

बता दें कि कांठा सिंह ने अपना पूरा जीवन अनाथालय के बच्चों की जिंदगी संवारने में लगा दिया और अंतिम सांस भी अनाथालय में ही लिया। 

इस दुःखद खबर को सुनकर उनके चाहने वालों का तांता लग गया। स्थानीय आम और खास सब उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचने लगे।

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