झारखंड

ये गिरफ़्तारियाँ पूरी तरह ग़लत हैं, नाजायज हैं, हास्यास्पद है, निन्दनीय हैं. – विधायक श्री सरयू राय

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जमशेदपुर  |  झारखण्ड 

विश्व हिन्दू परिषद एवं गौरक्षा आंदोलन से जुड़े 8 युवकों को जमशेदपुर पुलिस ने आज शाम जेल भेज दिया. उन्हें कदमा सांप्रदायिक तनाव मामले में पुलिस ने कल गिरफ़्तार किया जब वे इस मामले में समय लेकर वरीय पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देने उनके कार्यालय गये थे. आश्चर्य है कि इनमें से एक अधिवक्ता हैं जो सीधे कोर्ट से एसएसपी कार्यालय गये थे, एक अपनी माँ के श्राद्ध कर्म से कल ही जमशेदपुर लौटा था. इनमें से कोई दो दिन के भीतर कदमा वह गया था. पर पुलिस की नज़र में वह भी अभियुक्त हो गया. मैं आज शाम इनसे मिलने कोर्ट गया था जहां से इन्हें जेल भेजा गया. मैंने पाया कि इन सभी का मनोबल उंचा है, इनके चेहरे पर भय का कोई लक्षण नही है. 

ये गिरफ़्तारियाँ पूरी तरह ग़लत हैं, नाजायज हैं, हास्यास्पद है, निन्दनीय हैं. इन पर संगीन धाराओं लगाई गई हैं. इनपर आर्म्स एक्ट लगा है, विस्फोटक अधिनियम लादा गया है, धारा 307 लगा है. पर पुलिस ने इनके पास से कोई हथियार या विस्फोटक नहीं बरामद हुआ है. ये सभी एसएसपी ऑफिस से गिरफ़्तार गये हैं. वहाँ ज्ञापन देने न्यायालय थे, समय लेकर गये थे. 

इनपर संगीन धाराएँ- 353, 153ए, 120बी,  295ए, 307, 27 आर्म्स एक्ट, 3/4 विस्फोटक एक्ट, 147,158,149,332, 333, 337,383,427 आदि एफआईआर में डाली गई हैं. यानी यह सब अपराध ये सब एसएसपी ऑफिस में बैठकर कर रहे थे. इससे अधिक हास्यास्पद संवैधानिक व्यवस्था में क्या हो सकता है? यह आपराधिक कृत्य है जिसे जमशेदपुर पुलिस ने किसी दबाव में किया है. संविधान और क़ानून का पालन करने की शपथ लेकर अखिल भारतीय पुलिस सेवा में योगदान करने वालों का यह कारनामा सोच और समझ से परे है, राजनीतिक दबाव में झुकने नहीं बल्कि रेंगने वाला है. ऐसा दमनकारी कार्य 1975 इमरजेंसी के दिनों की याद दिलाने वाला है.

मैंने अनुचित तरीक़ा से गिरफ़्तार किये गये युवकों से वादा किया है कि उनकी क़ानूनी लड़ाई समाज लड़ेगा, मेरी पूरी मदद इसमें रहेगी. उन्हें गिरफ़्तार कर जमशेदपुर में भय और आतंक का वातावरण बनाने वालों का मंसूबा पूरा नहीं होने जाएगा. 

महात्मा गाँधी ने कहा है कि असत्य, अन्याय और दमन के सामने झुकना कायरता है. गिरफ़्तार हुए युवकों ने पुलिसिया असत्य, अन्याय और दमन का सामना डटकर किया है. हम यह संदेश जमशेदपुर की जनता के बीच ले जाएँगे और जनता को भयमुक्त करने का अभियान चलायेंगे. ये अनुचित और ग़ैरक़ानूनी गिरफ़्तारियाँ बेकार नहीं जाने दी जाएँगी. इनके पक्षों क़ानूनी लड़ाई भी लडी जाएगी और जन-अभियान भी चलाया जाएगा.

जेल भेजे गए विहिप के कार्यकर्ताओं की सूची 👇

1) चंदन चतुर्वेदी – अधिवक्ता

2) अनिरुद्ध गिरी-इनकी मां का देहांत हुआ था

3) चंदन दास-बिरसानगर

4) भोला लोहार

5) भीम यादव

6) कन्हैया पांडेय – छात्र हैं

7) शंकर राव

8) राजेश चौबे 

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