Ranchi : शुक्रवार 3 सितंबर, 2021
आधुनिक विश्व में गरीब और गरीबी दोनों हमारे सभ्य समाज की वास्तविक सच्चाई है। जिनका होना या न होना हमारे समाज को फर्क पड़ने ही नहीं देता। सरकार की कई पॉलिसी भी गरीबी उन्मूलन के लिए बनाती है लेकिन उन पॉलिसी का वास्तविक अर्थ भी यही है कि गरीब हमेशा गरीब ही बना रहे। बात हमारे वर्तमान समाज की ही करें या आप चाहे तो एक रुपये किलो चावल और मनरेगा में मजदूरी करने वाले मजदूर की करें। मतलब साफ है समाज में गरीब और गरीबी का स्तर बना रहे। क्योंकि अमीर को बस अमीर रहना है और कुर्सी वालों को बस कुर्सी पर रहना है। यह खेल कोई नया नहीं बल्कि बरसों पुराना है। टैक्स हम अदा करें आनंद कोई और ले।
खैर इसी गरीबी ने मजदूर मां – बाप और भाइयों को भी गुलाम बना दिया। शरीर तो शरीर मन की सांसे भी गिरवी हो गई थी। न जाने कब ये सांसे आखरी हो जाएं कोई नहीं जानता था। ऐसे ही गुलामों की जिंदगी जीते हुए फुचा राम ने 35 साल बिता दिए। अब बूढ़ी आंखों ने आजादी का अहसास जाना।
झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने फुचा राम को गुलामी की जिंदगी से आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बता दें कि झारखंड राज्य में गुमला के बिशुनपुर निवासी फुचा राम की कहानी ही कुछ ऐसी ही थी। आज उन्होंने मुख्यमंत्री से मिल उनका आभार व्यक्त किया। साथ ही गुलामों के तरह जिंदगी बिताने वाले मजदूरों के प्रति उनकी संवेदनशीलता की भी तारीफ की। इस मौके पर वृद्ध हो चुके फुचा राम ने कहा कि – ‘मुख्यमंत्री के सहयोग से ही 35 वर्ष बाद वे अपने घर लौट सके।’ वहीं उन्होंने बताया कि इससे पूर्व तक वे नार्थ और मिडिल अंडमान द्वीपसमूह में बंधुवा मजदूर के रूप में काम कर रहे थे।
बता दें कि श्रम विभाग और शुभ संदेश फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से फुचा राम को उस नर्क से मुक्त कराया गया। इस खास मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने फुचा राम को सरकार की विभिन्न योजनाओं और लाभों को दिलाने का आश्वासन देते हुए। सम्बंधित अधिकारियों को निदेश भी दिया है।
इससे पूर्व तक वे नार्थ और मिडिल अंडमान द्वीपसमूह में बंधुवा मजदूर के रूप में काम कर रहे थे।
श्रम विभाग और शुभ संदेश फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से फुचा राम को मुक्त कराया गया। मुख्यमंत्री ने फुचा राम को सरकार की विभिन्न योजनाओं से आच्छादित करने का निदेश अधिकारियों को दिया है 2/2
— Office of Chief Minister, Jharkhand (@JharkhandCMO) September 3, 2021
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