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 मनुष्य के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भारत सरकार ने जारी की हेल्प लाइन नंबर, आ रहे लाखों कॉल

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जमशेदपुर : भारत के राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की गई है, अक्टूबर 2022 में लॉन्च होने के बाद से टेली-मानस हेल्पलाइन को 10 लाख से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं

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सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, 51 टेली मानस प्रकोष्ठ संचालित किये जा रहे हैं|प्लेटफ़ॉर्म पर प्रतिदिन औसतन 3,500 कॉल प्राप्त होते हैं

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, नई दिल्ली: भारत में राष्ट्रीय टेली-मानस स्वास्थ्य कार्यक्रम ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, इसके टेली-मानस टोल-फ्री नंबर पर 10 लाख से अधिक कॉल प्राप्त हुए हैं, जो औसतन 3,500 कॉल प्रतिदिन हैं। देश भर में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए, अक्टूबर 2022 में भारत सरकार द्वारा लॉन्च किया गया यह कार्यक्रम, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 51 टेली-मानस प्रकोष्ठ संचालित करता है।

टेली-मानस टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 14416 या 1-800-891-4416 बहुभाषी सहायता प्रदान करते हैं, जो कॉल करने वालों और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच आपसी संवाद को सुविधाजनक बनाते हैं।

टेली-मानस हेल्पलाइन पर कॉल करने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है, जो दिसंबर 2022 में लगभग 12,000 से बढ़कर मई 2024 में 90,000 से अधिक हो गई है। यह वृद्धि देश में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में बढ़ती जागरूकता और बढ़ते उपयोग को दर्शाती है। यह वृद्धि निरंतर निवेश और मानसिक स्वास्थ्य पहलों के विस्तार के महत्व को भी रेखांकित करती है, ताकि सभी को उनकी ज़रूरत के अनुसार सहायता तक पहुंच की सुविधा सुनिश्चित की जा सके।

मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंचने वालों के लिए निरंतर देखभाल और सहायता सुनिश्चित करने के क्रम में, यह प्लेटफ़ॉर्म फ़ॉलो-अप के लिए कॉल-बैक भी करता है। मौजूदा मानसिक स्वास्थ्य संसाधनों को जोड़कर और एक व्यापक डिजिटल नेटवर्क स्थापित करके, टेली-मानस देश की मानसिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं के समाधान के लिए एक आवश्यक प्लेटफ़ॉर्म बन गया है।

मानसिक स्वास्थ्य संकट से निपटने और विशेष रूप से कमजोर आबादी को लक्षित करते हुए, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता और देश भर में सभी व्यक्तियों और परिवारों के लिए सहायता सुनिश्चित करना, भारत के वर्तमान में जारी प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

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ई-संजीवनी जैसी पहलों के साथ एकीकरण, प्लेटफ़ॉर्म की पहुंच और प्रभावशीलता को और बढ़ाएगा। जागरूकता और सुलभता को बढ़ावा देना जारी रखते हुए, टेली-मानस मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने में और अधिक योगदान दे सकता है।

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