झारखंड

मजदूर अधिकारों को पुनः हासिल करने का संघर्ष तेज होगा: ऐक्टू

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बोकारो थर्मल/ बेरमो, 9 दिसंबर 2024: झारखंड में मजदूर वर्ग के अधिकारों को पुनः स्थापित करने के संघर्ष को और तेज किया जाएगा। आज बोकारो थर्मल में आयोजित ऐक्टू (ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स) के राज्यस्तरीय मजदूर कंवेंशन में यह संकल्प लिया गया।

कंवेंशन को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) के पोलित ब्यूरो सदस्य जनार्दन प्रसाद ने कहा, “झारखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को परास्त करना मजदूर वर्ग की एक बड़ी जीत है, लेकिन खतरे अभी टले नहीं हैं। झारखंड को अडानी खंड बनने से रोकने और सड़कों पर संघर्ष को और मजबूत करने की आवश्यकता है। नफरत की राजनीति का झारखंड में कोई स्थान नहीं है।”

जनार्दन प्रसाद ने ऐक्टू के आगामी राष्ट्रीय सम्मेलन को सफल बनाने का आह्वान किया और कहा कि देश व झारखंड को बचाने और मजदूर अधिकारों को पुनः हासिल करने के लिए यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बनेगा।

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ऐक्टू के प्रदेश महासचिव शुभेंदु सेन ने कहा, “ऐक्टू का 11वां राष्ट्रीय सम्मेलन दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित होगा, जिसमें देश-विदेश के मित्र संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। मजदूरों को संगठित कर केंद्र सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों के खिलाफ निर्णायक संघर्ष छेड़ा जाएगा। ऐक्टू मजदूरों के अधिकारों को लेकर राज्य और केंद्र सरकार पर राजनीतिक दबाव बढ़ाएगा।”

कंवेंशन की मुख्य बातें:

  1. राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारियों पर चर्चा: मजदूर अधिकारों की बहाली और संगठन को मजबूत करने की दिशा में योजना।
  2. केंद्र और राज्य सरकारों की मजदूर-विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन का आह्वान।
  3. मजदूरों को यूनियन से जोड़ने और व्यापक जनआंदोलन खड़ा करने पर जोर।

कंवेंशन की अध्यक्षता:
पांच सदस्यीय अध्यक्ष मंडल, जिसमें गीता मंडल, बैजनाथ मिस्त्री, कृष्णा सिंह, महेश सांवरिया, बालेश्वर गोप शामिल थे, ने संयुक्त रूप से किया।

संचालन:
सहयोग ऐक्टू नेता भुवनेश्वर केवट, रविंद्र भुइयां, बिपिन मंडल ने किया।

मुख्य वक्ता:
कंवेंशन में विकास कुमार सिंह, मनोज कुशवाहा, जे एन सिंह, भुनेश्वर बेदिया, अमल घोष, सुभाष चंद्र मंडल, हरेंद्र सिंह, बालेश्वर यादव, नारायण केवट, अजय रविदास, महादेव मांझी, विजय गिरी, जगरनाथ उरांव, बलदेव वर्मा, भीम साहू सहित कई मजदूर नेताओं ने अपने विचार रखे।

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