जमशेदपुर । झारखंड
भारतीय रक्षा लेख विभाग द्वारा संचालित जवानों के पेंशन भुगतान हेतु सरल और डिजिटल माध्यम है – स्पर्श।
यह माध्यम वेबसाइट पर उपलब्ध है जो पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफार्म पर आधारित है। इसमें तीनों सेना (थल, नभ, वायु) से रिटायर्ड पेंशनधारी सैनिकों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह डिजिटल प्लेटफार्म है जिसपर सेना के तीनों श्रेणी को शामिल किया गया है। यह माध्यम आर्मी, नेवी और एयर फोर्स के पेंशनधारी जवानों को अपनी पहचान, जीवन प्रमाणपत्र, प्रवासन स्थिति, नोमनी का विवरण आदि सरलतापूर्वक स्वतः से दर्ज और अपडेट करते हुए पेंशन में देरी अथवा अन्य समस्याओं से निजात दिलाने में सहायक है।
इसका इस्तेमाल करना बहुत ही सरल है। सैनिक द्वारा इस साइट पर जाकर कुछ जानकारी (सैनिक जीवन और व्यक्तिगत जीवन से) साझा करते हुए लॉगिन आईडी और पासवर्ड बनाना पड़ता है। उसके बाद आसानी से अपनी पेंशन सम्बंधित जानकारी डालते हुए पेंशन में होने वाली अन्य समस्याओं से निजात मिलने में सहायता मिल जाएगी।
स्पर्श पर जाने के लिए या अपनी पहचान, जीवन प्रमाणपत्र, प्रवासन स्थिति, नोमनी का विवरण आदि जानने अथवा दर्ज करने के लिए यहां क्लिक करें-
(केवल सेना से सेवानिवृत्त जवानों के लिए मान्य)
सबसे महत्वपूर्ण सूचना: – नवंबर और दिसंबर के महीनों में बड़ी संख्या में मामलों में वार्षिक पहचान/जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होता है। पेंशनभोगियों को सलाह दी जाती है कि वे अंतिम समय की भीड़ से बचने के लिए स्पर्श पोर्टल पर जल्द से जल्द वार्षिक पहचान/जीवन प्रमाण पत्र जमा करें।
रक्षा लेखा विभाग जिसका प्रमुख रक्षा लेखा महानियंत्रक है, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्य करता है। रक्षा लेखा विभाग का मुख्य उत्तरदायित्व आपूर्ति एवं निर्माण / सुधार कार्यो, वेतन एवं भत्ते, फुटकर प्रभार, पेंशन इत्यादि के लिए प्रदान की गई सेवा के बिलों सहित सशस्त्र बलों से संबंधित सभी प्रभारों की लेखापरीक्षा, भुगतान और लेखांकन है। विभाग, तीनों सेवाओं में विभिन्न इकाइयों और विरचनाओं (आयुद्धगार, कार्यशालाओं और भंडार डिपुओं सहित) के रोकड़ एवं भंडार लेखाओं की लेखापरीक्षा और सैन्य अधिकारियों और सेना के सैनिकों के वेतन लेखाओं के अनुरक्षण के प्रति भी उत्तरदाय़ी है।
आयुद्ध फैक्टरियों और नौसेना गोदीवाड़ा के विनिर्माण लेखा तथा आयुद्ध फैक्टरियों के भंडार लेखा भी रक्षा लेखा विभाग द्वारा रखे जाते हैं। वे निर्माण कार्यों से संबंधित लेखाओं का अनुरक्षण एवं मिलिटरी इंजीनीयरिंग सेवाओं द्वारा अनुरक्षित निर्माण कार्य परियोजना से संबंधित निर्माण एवं अन्य लेखाओं की लेखा परीक्षा भी करते हैं। उपरोक्त उत्तरदायित्वों के अतिरिक्त रक्षा लेखा नियंत्रक कमानों के जनरल ऑफिसर्स कमांडिंग-इन-चीफ, एरिया कमांडरों इत्यादि के स्थानीय वित्तीय सलाहकार के रूप में भी कार्य करता है।
रक्षा लेखा विभाग रक्षा मंत्रालय के अधीन आता है जिसका प्रमुख रक्षा लेखा महानियंत्रक होता है। रक्षा लेखा विभाग संगठन मुख्यतः तीनों सेवाओं के संगठनों से संगत है। इसके अतिरिक्त यह आयुद्ध फैक्टरियों, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, कैंटीन भंडार विभाग, तट-रक्षक, सीमा-सड़क संगठन और मंत्रालय के अधीन अंतर-सेवा संगठनों को भी सेवाएं प्रदान करता है।
रक्षा लेखा विभाग को जानने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें-