झारखंड

भाजपा नेताओं के करनी और कथनी में बहुत अंतर है: सुधीर कुमार पप्पू

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जमशेदपुर: भाजपा नेताओं के करनी और कथनी में बहुत अंतर है। भाजपा का उद्देश्य है लोगों को गुमराह करना और समाज में नफरत पैदा करना। देश से बांग्लादेशियों को निकालने की पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को करनी चाहिए। लेकिन दोनों में इतनी हिम्मत नहीं है। समाजवादी चिंतक और अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने एक बयान जारी कर उक्त बातें कही हैं।

उन्होंने आगे कहा कि मोदी को चाहिए कि जहां भी डबल इंजन की सरकार है, उन राज्यों में बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हें देश से बाहर निकाला जाए। भाजपा को एक उदाहरण पेश करना चाहिए और पहले बिहार, मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान से बांग्लादेश से घुसपैठ कर आए लोगों को बाहर निकालना चाहिए। परंतु लोगों को गुमराह करने के लिए वे गैर भाजपा शासित राज्यों को निशाना बना रहे हैं।

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सुधीर कुमार पप्पू ने आरोप लगाया कि अभी भी लगातार बांग्लादेशी घुसपैठिए भारत में प्रवेश कर रहे हैं क्योंकि मोदी सरकार कमजोर है और हमारा बॉर्डर सुरक्षित नहीं है। बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ आतंकवादी भारत में प्रवेश कर हिंसा फैला रहे हैं और मोदी सरकार चुप है। चीन की सेना अरुणाचल प्रदेश समेत कई क्षेत्रों में घुसपैठ कर रही है, परंतु मोदी सरकार आँख मूंदकर लोगों को हिंदू-मुस्लिम के नाम पर सद्भावना बिगाड़ने का काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि झारखंड में 18 सालों तक भाजपा का शासन रहा है। भाजपा नेताओं को बताना चाहिए कि कितने बांग्लादेशी घुसपैठियों को उनके शासनकाल में निकाला गया। बिहार में भी बड़ी तादाद में बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं जहां भाजपा और जनता दल यू की सरकार है। हमारी मांग है कि बांग्लादेशियों को निकालने का काम बिहार से होना चाहिए।

सुधीर कुमार पप्पू ने कहा कि मोदी के शासनकाल में देश की सीमा सुरक्षित नहीं है, चारों तरफ से घुसपैठ हो रही है और मोदी समाज में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। अगर भाजपा नेताओं की मंशा साफ है तो पहले बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात से बांग्लादेशियों को बाहर निकाला जाए।

लोकसभा चुनाव में भाजपा नफरत फैला कर भी अकेले सत्ता तक नहीं आ पाई और उन्हें सहयोगियों से मदद लेनी पड़ी। अब मोदी सरकार नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के रहमो-करम पर चल रही है, इस स्थिति में सरकार का पतन कभी भी हो सकता है। लोकसभा और राज्यसभा में भाजपा का अकेले का बहुमत नहीं है, इसलिए मोदी बेचैन हैं।

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