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बिजली संकट से जूझते लोगों की अपनी कहानी, सरकारें मौन।

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बिजली संकट : मंगलवार 26 अप्रैल, 2022

गर्मी का मौसम आते ही लोगों का जीवनयापन ही बदल जाता है। तेज धूप और गर्मी से लोग बेहाल हो जाते हैं। लेकिन बाजार में उपलब्ध कूलर, पंखे या एसी की मदद से इस गर्मी में राहत की सांस लोग जरूर लेते हैं। लेकिन ये सब बिजली से चलने वाले उपकरण है, यदि बिजली पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलेगी तो इनका अस्तित्व ही शायद बेकार है।

बता दें कि बढ़ती गर्मी में बिजली की कटौती भी बढ़ गई है। यह हाल पूरे देश का है जहां बिजली 8 से 20 घण्टे तक गायब रह रही है। भीषण गर्मी तो पड़ रही है लेकिन  मांग और आपूर्ति में अंतर बहुत ज्यादा है। कई राज्यों में अघोषित बिजली की कटौती की जा रही है।
बात देश की करें तो उत्तर भारत में ही बिजली बिना बात के ही काटी जा रही है। जिसका सीधा अर्थ यह है कि कहीं न कहीं बिजली वितरण प्रणाली में कमी है। सिंचाई में दिक्कतें हो रही है। एक ट्विटर यूजर ने ट्वीट कर जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद में मक्का, मूंगफली खेतों में सूख रही, रात – रात भर जाग रहे। खेत फिर भी नही भर रहे।
राजस्थान के अजमेर जिला अंतर्गत बिजयनगर तहसील क्षेत्र के रहने वाले शमीर शेख @Mohamma 42641651 ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ही ट्वीट कर बताया कि सुबह 6 से 9, दिन मे 12 से साढे 3 और रात्रि के साढे 9 बजे से ढ़ाई बजे तक लाइट कटोती हो रही है, जिससे जीवन की समस्त व्यवस्थाएं चरमरा गई है, रात्रि में लाइट नहीं होने से नींद नहीं आती जिससे सुबह काम पर नहीं जाया जाता।
वहीं मेहरान सिद्दीक ने ट्वीट पर जानकारी दी है की रात के 12 घण्टों में बिजली 24 बार आती है लेकिन टिकती नहीं है।
झारखंड राज्य में भी बिजली का संकट बढ़ गया है। लोगों का जीना मुश्किल हो रहा है। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है और ट्वीट पर कहा कि एक सप्ताह पहले मैने मामला उठाया था। सरकार ने मुझे बताया था कि गर्मी के तीन महीना के लिये अतिरिक्त 300 मेगावाट बिजली प्रतिदिन ख़रीदने के लिये पैसा दे दिया गया है। फिर क्यों बिजली कटी रहती है। क्या हुआ ख़रीद का ? जनता हमसे सवाल पूछ रही है।
सवाल यह उठता है कि राज्य सरकारें बिजली दे क्यों नहीं पा रही है, मामला क्या है? यह जानने योग्य है

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