झारखंड

बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना में झूठे आरोप पत्र का मामला

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जमशेदपुर, 26 जुलाई: बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष और झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायरकर्ता सुबोध झा ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग पर झूठा आरोप पत्र दाखिल करने का आरोप लगाया है।

सुबोध झा ने कहा कि कार्यपालक अभियंता द्वारा झारखंड हाई कोर्ट में और उपायुक्त महोदय के न्यायालय में यह रिपोर्ट सौंपी गई थी कि 27 अप्रैल 2023 से काम चालू कर दिया गया है और 15 महीने में इसे पूरा कर लिया जाएगा। यह दावा किया गया था कि 26 जुलाई 2024 तक बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी के 1140 घरों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।

सुबोध झा ने कहा कि कार्यपालक अभियंता द्वारा झूठ लिखित आरोप पत्र न्यायालय में सौंपा गया है। उन्होंने 18 सितंबर 2023 को न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता न्यायालय को गुमराह कर रहे हैं और जनता को बरसों से धोखा देते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह कार्य 15 महीनों के भीतर पूरा नहीं हो सकता क्योंकि यह योजना अभी तक शुरू ही नहीं हुई है।

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उपायुक्त महोदय के न्यायालय ने सख्त आदेश देते हुए कहा था कि 19 सितंबर से ही काम चालू किया जाए और न्यायालय में लिखित रूप से शपथ पत्र दाखिल किया जाए। सुबोध झा ने आज, 26 जुलाई 2024 को कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता विभाग इस योजना को समय पर धरातल पर नहीं उतार सका।

सुबोध झा ने न्यायालय में स्पष्ट रूप से कहा कि इन सभी के मिलीभगत के कारण बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी के 1140 घरों की जनता गंदा और अशुद्ध पानी पीने को मजबूर है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले साल 21 लाख 63,000 रुपए फिल्टर प्लांट मरम्मत के लिए आए फंड को लूटा गया और किसी प्रकार का मरम्मती कार्य नहीं किया गया। उन्होंने दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की और 21,63,000 रुपए शुद्ध समेत वसूलने की बात कही।

झारखंड हाई कोर्ट ने दोनों पक्षों के वक्तव्य सुनने के बाद और आरोप पत्र के आधार पर 10 सितंबर 2024 को फैसला सुनाने का आदेश सुरक्षित रखा है।

सुबोध झा ने आरोप लगाया कि झारखंड सरकार और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अभियंता प्रमुख ने झूठ लिखित आश्वासन देकर आंदोलन को स्थगित कराया था। उनके खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई है। झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बाद बागबेड़ा ग्रामीण जलापूर्ति योजना और बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना का टेंडर हुआ, लेकिन काम सही रूप से नहीं किया जा रहा है।

यह योजना जल जीवन मिशन के तहत भारत सरकार के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उपलब्ध कराए गए फंड से हो रही है। 2015 से बागबेड़ा एवं छोटा गोविंदपुर ग्रामीण जलापूर्ति योजना का काम चल रहा है। बागबेड़ा महानगर विकास समिति के अध्यक्ष सुबोध झा के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू कर 50 करोड़ 58 लाख रुपए पुनः उपलब्ध कराए गए।

झारखंड हाई कोर्ट के आदेश पर दोनों योजनाएं चल रही हैं, लेकिन समय सीमा समाप्त होने के बावजूद काम पूरा नहीं किया गया है। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा काम को पूरा न करने पर पुनः झूठ साबित किया गया है।

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